5G नेटवर्क का स्पीड कितना होगा ?|4G vs 5G| 5G इंटरनेट कैसे चला सकते हैं ?

5G नेटवर्क का स्पीड कितना होगा ?|4G vs 5G| 5G इंटरनेट कैसे चला सकते हैं ?मोबाइल इंटरनेट की दुनिया में क्रांति अभी शुरू होने वाली है। Qualcomm का कहना है कि 4G LTE स्पीड के बाद 5G अगली क्रांति होगी। इसकी स्पीड 4G की तुलना में कई गुना अधिक तेज होगा। 5G का अधिकतम स्पीड 20 Gbps तक हो सकता है, बेहतर कवरेज और विश्वसनीयता, कम विलंबता और बेहतर जीवन प्रदान करेगा।

लेकिन वास्तव में 5G क्या है? यह भारत में कब आएगा? और 5G नेटवर्क के लिए कितने विभिन्न प्रकार की तकनीकों की आवश्यकता होती है? चलो पता करते हैं!

5 G का मतलब होता है Fifth Generation अर्थात पांचवीं पीढ़ी

1G का मतलब होता है (First Generation) या पहली पीढ़ी, 2G का मतलब होता है (Second Generation) दूसरी पीढ़ी होता है। इस तरह से 5G का मतलब होता है फिफ्थ जनरेशन (Fifth Generation).

5G क्या है और भारत में कब आएगा। ( 5G india me kab aayega )

5G (fifth generation) 5वीं पीढ़ी का मोबाइल नेटवर्क है। यह 1G, 2G, 3G और 4G नेटवर्क के बाद एक नया वैश्विक wireless नेटवर्क है। 5G नेटवर्क आने से लगभग हर चीज इंटरनेट से जुड़ जाएंगी।

भारत में पिछले करीब 2 सालों से 5G को लेकर चर्चा हो रही है। लेकिन अब चीन, जापान, अमेरिका और यहां तक कि दक्षिण कोरिया जैसे- देशों में इसका इस्तेमाल शुरू हो गया है| जबकि भारत इस मामले में थोड़ा पीछे रह गया था। अब भारत में भी 5G उपलब्ध हो गया है।

इसके अतिरिक्त, 5G low latency प्रदान करता है। समग्र रूप से अच्छा उपयोगकर्ता अनुभव प्रदान कर सकता है ताकि जब उपयोगकर्ता घूम रहे हों तब भी डेटा गति बनी रहे।

5G का स्पीड कितना होगा।

4G LTE स्पीड के बाद 5G अगली क्रांति होगी। इसकी स्पीड 4G की तुलना में 100 गुना अधिक तेज होगा। Qualcomm के अनुसार 5G का अधिकतम स्पीड 20 Gbps तक हो सकता है।

5G नेटवर्क बेहतर कवरेज और विश्वसनीयता, कम विलंबता और बेहतर जीवन प्रदान करेगा।

5G इतना फ़ास्ट होगा कि आप एक Full HD movie सिर्फ 3 सेकंड में ही डाउनलोड कर सकते हैं। जो की 4G नेटवर्क से मूवी डाउनलोड करने में कभी कभी घंटो लग जाते थे।

वीडियो कालिंग एकदम स्मूथ हो जायेगा। वीडियो कॉलिंग के दौरान कोई लैग नहीं होगा। 5G के आने से हम फुल HD में वीडियो कालिंग कर सकते हैं।

गॉव दराज में भी नेटवर्क की कोई परेशानी नहीं होगी। क्योकि इसका सिगनल बहुत ही पावरफुल होगा।

4G vs 5G में तुलना।

यहाँ आपको 4G तथा 5G के बारे में विस्तार से तुलना किया गया है।

4G और 5G का तुलनात्मक दृश्टिकोण :

4G टेक्नोलॉजी 5G टेक्नोलॉजी
4G यह Forth Generation की टेक्नोलॉजी है। 5G यह नए ज़माने की Fifth Generation टेक्नोलॉजी है।
4G टेक्नोलॉजी का अधिकतम अपलोड स्पीड 500 Mbps हैं। जबकि 5G टेक्नोलॉजी का अधिकतम अपलोड स्पीड 1.20 Gbps होगा।
4G का अधिकतम डाउनलोड स्पीड 1 Gbps हैं। 5G का अधिकतम डाउनलोड स्पीड 2.5 Gbps हैं।
4G तकनीक की Latency लगभग 50 ms है। 5G तकनीक की Latency लगभग 1 ms से भी कम है।
4G विभिन्न प्रकार के device के बारे में जानकारी नहीं देता है। जबकि 5G नेटवर्क आप किस device पर उपयोग कर रहें हैं। इसकी पूरी जानकारी देता है।
4G का उपयोग उच्च गति अनुप्रयोगों, मोबाइल टीवी, पहनने योग्य उपकरणों के लिए किया जा सकता है। जबकि 5G का उपयोग high HD वीडियो स्ट्रीमिंग, वाहनों के रिमोट कंट्रोल, रोबोट और चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए किया जा सकता है।
यह 5G की तुलना में धीमा और कम कुशल है। यह 4G . की तुलना में तेज़ और अधिक कुशल है।
comparision between 4G vs 5G ( Source: geeksforgeeks )

5जी का मालिक कौन है ?

कोई भी एक कंपनी या एक व्यक्ति 5G का मालिक नहीं है लेकिन बहुत सारी नेटवर्क कंपनियां है जो 5जी को लाने में मदद करते हैं। उदाहरण के तौर पर एयरटेल,आइडिया, जिओ, वोडाफोन इत्यादि यह सभी नेटवर्क कंपनियां भारत में 5G लाने में सहायक सिद्ध हो सकती है।

अप्रत्यक्ष रूप से ये कंपनियां 5G का मालिक है। लेकिन कोई भी एक व्यक्ति या एक कंपनी 5G का मालिक नहीं हो सकती है।

जिओ(JIO) जैसी कंपनियां यह दावा करती है कि उनका 5G नेटवर्क इंडिया में स्थापित हो गया है, उनका मानना है कि अगर ज्यादातर मोबाइल कंपनियां 5G मोबाइल को पब्लिक में उपलब्ध करा देती है तो हम 5G नेटवर्क लोगों को भी उपलब्ध कराएंगे।

Kbps,Mbps ओर Gbps क्या होता है और इसका फुल फॉर्म क्या है।

दोस्तों आगे बढ़ने से पहले आप यह जान लीजिए कि जिस प्रकार गति या स्पीड को मापने के लिए mps(meter per second), Kmps(Kilometer per second) जैसे पैमाने का उपयोग होता है।

इसी प्रकार इंटरनेट नेटवर्क की स्पीड को नापने के लिए kbps(Kilobytes per second), Mbps(Megabytes per second) और Gbps(Gigabytes per second) जैसे पैमाने का प्रयोग होता है। इसमें kbps सबसे छोटा पैमाना है और Gbps सबसे बड़ा पैमाना है।

1G से 5G तक का सफ़र।

पहले की जनरेशन का मोबाइल नेटवर्क 1G, 2G ,3G और 4G है। आइए, हम सब एक-एक करके इनमेंं विविधताए देखते हैं।

First Generation-1G (1980 में आया )

  1. यह सिर्फ एनालॉग सिग्नल पर कार्य करता था।
  2. इसका स्पीड 2.5kbps था। जो आज के जमाने में कोई भी इसका उपयोग नहीं करना चाहेगा।
  3. 1G यह सिर्फ नेटवर्क प्रणाली का आरंभ था।

Second Generation-2G (1990 में आया)

  1. इस जनरेशन में एनालॉग सिगनल, डिजिटल सिगनल में बदल गया।
  2. जिसके कारण पहले के मुकाबले मोबाइल फोन छोटा हो गया था।
  3. इसका स्पीड 40 kbps था। जो कि 1G के मुकाबले बहुत ही अच्छा था।

Third Generation-3G (2000 में आया।)

  1. इसमें लोग इंटरनेट का उपयोग करने लगे।
  2. इस जनरेशन में बहुत सारे लोग इंटरनेट की तरफ जाने लगे।
  3. स्काई स्पीड लगभग 3Mbps था।

Forth Generation-4G (2010 में आया।)

  1. इसने नई-नई स्मार्ट मोबाइल कंपनियां उभर कर आई।
  2. इस जनरेशन में लगभग पूरा दुनिया इंटरनेट से जुड़ चुका था।
  3. इसका स्पीड 50mbps है। इतना स्पीड हमारे फोन में नहीं दिखाता है क्योंकि एक ही नेटवर्क का बहुत से लोग उपयोग करते हैं। यह स्पीड उस कंपनी के मेन ऑफिस में ही दिखाता है।

Fifth Generation-5G (2021-2022 में आएगा।)

  1. 5G Technology आने के बाद दुनिया बहुत तेजी से प्रगति करने लगेगी।
  2. बड़े-बड़े शहरों में स्कूल कॉलेज डिजिटल हो जाएंगे जिससे छात्रों को किताबों का बोझ सहन नहीं करना पड़ेगा। उन्हें पढ़ने के लिए सिर्फ एक लैपटॉप की जरूरत होगी।
  3. बड़ी-बड़ी कंपनियां भी डिजिटल हो जाएंगे जिससे उनका काम बहुत ही तेजी से हो सकता है।
  4. 5G का स्पीड 50mbps से लेकर 2Gbps होगा। जो कि बहुत ही ज्यादा है।

5G Technology का क्या नुकसान है।

दोस्तों, 5G Technology का हमारे जीवन में जिस तरह हमें फायदा है उसी तरह बहुत बड़े इसके नुकसान भी हैं।

5G Technology के आने से हमारे वायुमंडल में उच्च आवृत्ति (High Frequency) वाले पराबैंगनी किरणें बढ़ जाएंगे जिससे हमारे डीएनए (DNA) को क्षति होने का खतरा बना रहेगा।

यह पराबैगनी किरण (Ultraviolet rays) हमें नग्न आंखों से नहीं दिखाई देती है। डीएनए क्षति होने से हमें बहुत नुकसान होते हैं, हमारी आयु कम हो जाती है हमें कैंसर होने का संभावना बढ़ जाता है और विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याएं उत्पन्न होती है।

उच्च आवृत्ति वाली तरंगों के कारण बहुत सारे छोटे-छोटे पशु पक्षी विलुप्त हो जाएंगे। जिनकी जनसंख्या 4G के आने से कम हो गई है।

5G नेटवर्क का स्पीड कितना होगा ?|4G vs 5G| 5G इंटरनेट कैसे चला सकते हैं ?हालाँकि, कंपनियों का यह कहना है कि 5G से कोई खतरा नहीं होगा। इसे सीमित तौर पर प्रसारित किया जायेगा।

5G भारत में कब आएगा ?

5g Technology
5G Technology in India

अगस्त में Airtel Telecom अपने 5G नेटवर्क की डिलीवरी शुरू करेगी। अगस्त 2022 में 5G की तैनाती शुरू करने के लिए, Airtel ने Ericsson, Nokia और Samsung के साथ 5G नेटवर्क के लिए समझौते किए हैं। भारत में 5G सेवा शुरू करने वाली पहली बड़ी दूरसंचार कंपनी एयरटेल होगी।

भारत में 5G के स्मार्टफोन उपलब्ध है। बड़ी-बड़ी कंपनियां भारी मात्रा में 5G फ़ोन लांच कर रही है।

जियो (JIO) और Airtel जैसी बड़ी कंपनियां ने 5G Technology लॉन्च करने की पूरी तैयारी कर ली है। बस अब 5G भारत में लांच हो गया है।

क्या हमें 5G नेटवर्क का उपयोग करने के लिए 5जी मोबाइल लेना पड़ेगा?

हां, जिस तरह हम 4G नेटवर्क का उपयोग करने के लिए 4G मोबाइल लेना पड़ता है उसी प्रकार 5G नेटवर्क का उपयोग करने के लिए भी 5G मोबाइल लेना पड़ेगा।

भारत में SAMSUNG, Realme, OnePlus और MI ( Xiaomi ) जैसी कंपनियां 5G फोन लॉन्च कर चुकी है।

यह 5G फोन भारत के बहुत ही कम उपयोगकर्ताओं के पास है। जैसे-जैसे 5G मोबाइल के उपयोगकर्ता भारत में बढ़ेंगे। तभी 5G नेटवर्क का विस्तार होने लगेगा।

अवश्य पढ़ें:- दुर्घटना के समय आपका बहुत सहायता करेगा।

निष्कर्ष ( Conclusion )

5G Technology आने के बाद लगभग सब कुछ रिमोट कंट्रोल हो जाएगा। दुनिया बहुत तेजी से आगे बढ़ने लगेगी। जो आज असंभव लग रहा है वह शायद 5G आने के बाद संभव हो सकता है।

*अगर आपको उपरोक्त पोस्ट पढ़ने में कोई भी समस्या आई है तो हमे कमेंट (comment) में अवश्य बताएं ताकि हम उसे सुधार सके। कोई सवाल है तो उसे भी पूछ सकते हैं। *

धन्यवाद।

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