मकर संक्रांति भारत का एक ऐसा त्यौहार है जो बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। मकर संक्रांति सब लोग एकजुट होकर बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन सभी लोग स्नान करते हैं और सूर्य को नमन करते हैं।
आइए जानते हैं कि आखिर मकर संक्रांति मनाई क्यों जाती है? इसका हमारे जीवन में क्या महत्व है?
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2023 में मकर संक्रान्ति कब हैं?
इस बार मकर संक्रांति को लेकर लोग असमंजस में है। लोग यह जानना चाहते हैं कि मकर संक्रांति 14 तारीख को है या 15 तारीख को है।
हिंदू पंचांग के अनुसार 14 जनवरी 2023 को सूर्य मकर राशि में रात 8:14 बजे पर प्रवेश करेंगे। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद ही मकर संक्रांति मनाया जाता है।
जबकि यह सूर्य का त्यौहार है इसलिए इसे रात्रि में नहीं बनाया जा सकता है। फल स्वरूप कुछ लोग 15 तारीख को मकर संक्रांति शुभ तारीख मान रहे हैं।
पंचांग के मुताबिक शुभ मुहूर्त 15 तारीख को सुबह 7:15 बजे से 5:46 बजे तक रहेगा।
मकर संक्रांति के दिन पुण्य काल सुबह 7:15 बजे से लेकर दोपहर 12:00 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इस समय के बीच दान धर्म करना शुभ माना जा रहा है।
मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है?
मकर संक्रांति भारत का एक धार्मिक त्यौहार है, धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशि (Sagittarius) से निकलकर अपने पुत्र शनि देव की राशि, मकर राशि (Capricorn) में प्रवेश करतें है। इसलिए इसे मकर संक्रांति कहते हैं। इस प्रकार इसका नाम मकर संक्रांति पड़ा। इस दिन लोग सूर्य का सम्मान करते हैं।
मकर संक्रांति के दिन लोग स्नान करने के बाद सूर्य को नमन करते हैं। और दान-पूण्य के कार्य करते हैं। इस त्यौहार का महत्व भारत के धर्म, संस्कृति और इतिहास में बहुत अधिक है।
मकर संक्रांति के दिन किसकी पूजा की जाती है?
मकर संक्रांति के दिन लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं। इसी दिन बाणों पर लेटे हुए भीष्म पितामह ने अपना शरीर त्याग कर मोक्ष की प्राप्ति की।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशि (Sagittarius) से निकलकर अपने पुत्र शनि देव की मकर राशि (Capricorn) में प्रवेश करतें है।
इस दिन को पिता और पुत्र की आपसी मतभेद को दूर करने के लिए याद किया जाता है। हमारे पुराणों के अनुसार शनि देव को सूर्य देव का पुत्र बताया गया है।
मकर संक्रांति के दिन क्या करना चाहिए?
अनियमित शेड्यूल के कारण कुछ लोग सुबह बहुत देर से उठते हैं। जिससे ब्रह्मांड में हो रही ग्रहों की फेरबदल से उत्पन्न सकारात्मक ऊर्जा का लाभ नहीं उठा पाते हैं।
- मकर संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। फिर सूर्य को नमन करना चाहिए।
- उसके बाद चाय या स्नैक्स इत्यादि खाना चाहिए।
- मकर संक्रांति के दिन सुबह की ताजी तुमको अपने शरीर पर पड़ने दें। यह हमारी स्किन के लिए उपयोगी होती है।
- अगर आप चाहे तो बच्चों के साथ सावधानीपूर्वक पतंग उड़ाने का आनंद ले सकते हैं।
मकर संक्रांति के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
अधिकतर लोग सुबह उठते हैं चाय और नाश्ते पर टूट पड़ते हैं। लोग सोचते हैं कि बाद में स्नान करके सूर्यदेव को नमन कर लेंगे। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए।
- मकर संक्रांति के दिन बिना नहाए कुछ भी नहीं खाना चाहिए।
- मकर संक्रांति के दिन मांसाहारी खाना नहीं खाना चाहिए। इस दिन नशा वाले चीजों को सेवन करने से बचें।
- मकर संक्रांति एक सादगी का त्यौहार है। इसलिए कुछ लोग इस दिन खिचड़ी बना कर खाते हैं।
- इस दिन अपनी वाणी पर संयम रखें तथा क्रोध ना करें। सभी लोगों से अच्छा व्यवहार करें।
मकर संक्रांति पर 10 लाइन बताएं।
- “मकर संक्रांति का त्यौहार महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है और हम सभी इसे धूमधाम से मनाते हैं।”
- “मकर संक्रांति में, हम सभी सूर्य को सम्मान देते हैं और उनका नमन करते हैं।”
- “मकर संक्रांति में, हम सभी दान दक्षिणा देते हैं।”
- “मकर संक्रांति में, हम सभी अपने बच्चों को धर्म और संस्कृति के महत्व को समझते हैं।”
- “मकर संक्रांति में, हम सभी अपने परिवार और मित्रों के साथ मिलकर खुशी और आनंद साझा करते हैं।”
- “मकर संक्रांति में, हम सभी अपने धर्म, संस्कृति और इतिहास को याद करते हैं।”
- “मकर संक्रांति ग्रहों के फेरबदल के कारण मनाया जाता है।”
- “मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है।” इसे एक शुभ घड़ी माना जाता है।
- “मकर संक्रांति के दिन लोग सादगी से जीवन जीते हैं।”
- “मकर संक्रांति के दिन लोग हल्का तथा सादा भोजन का आनंद लेते हैं।”
आपने क्या सीखा।
आज आपने मकर संक्रांति के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त किया है। आपने यह सीखा कि मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है? मकर संक्रांति के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?
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