हेलो दोस्तो, आज हम जानेंगे कि छापेमारी में पकड़ा गया करोड़ों रुपए कहां जाता है? इन पैसों को कौन रखता है?
इतना ज्यादा पैसे कहां रखा जाता है? इन अरबों रुपयों का देखभाल कौन करता है?
ऐसे ही उठ रहे सभी सवालों का जवाब जानने के लिए हमने सत्येन्द्र सिंह से बातचीत किया। जो ED में ऑफिसर रह चुके हैं। हमने सभी सवालों का जवाब पुछा। जो आपके साथ शेयर करेंगे।
सभी सवालों का जवाब जानने के लिए कृपया इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें।
सबसे पहले हम समझते हैं कि ED क्या है? जो किसी भी जगह पर छापा मारती है। जिससे हमें आगे की बातें समझने में आसानी होगी।
विषय सूची
- 1 ED क्या है?
- 2 ED द्वारा पकड़े गए काला धन कहां जाता है?
- 3 दोषी व्यक्ति गलत साबित हुआ तो क्या होगा?
- 4 अगर दोषी व्यक्ति गलत साबित नहीं हुआ तो क्या होगा?
- 5 घर, मकान जैसी स्थिर संपत्ति का क्या किया जाता है?
- 6 ED का पूरा मामला क्या है?
- 7 ED कौन से कानून का उपयोग करके जांच प्रक्रिया आरंभ करतीं हैं?
- 8 सरकार के पास घोटाले का पैसा कितने तरीके से आता है?
- 9 1. कर (Tax)
- 10 2. जुर्माना (Penalty)
- 11 निष्कर्ष (Conclusion):
- 12 Share करें।:
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ED क्या है?
ED (Enforcement Directorate) को हिन्दी में प्रवर्तन निदेशालय कहा जाता है।
ED अर्थात प्रवर्तन निदेशालय एक कानून प्रवर्तन एजेंसी और आर्थिक खुफिया एजेंसी है जो भारत में आर्थिक कानूनों को लागू करने और आर्थिक अपराध से लड़ने का कार्य करती है।
यह वित्त मंत्रालय, भारत सरकार का हिस्सा है।
यह एजेंसी देश में हो रही आर्थिक संबंधित अपराध को पकड़ने का कार्य करती है।
ED द्वारा पकड़े गए काला धन कहां जाता है?
किसी आम नागरिक से सवाल पूछे जाएं कि ED द्वारा पकड़े गए काला धन कहां जाता है? तो वह बताता है कि ED द्वारा पकड़ा गया काला धन सरकारी खाते में जाता होगा।
जी हां, यह बिल्कुल सही बात है कि सरकारी एजेंसियों द्वारा पकड़ा गया काला धन सरकारी खाते में ही जाता है। बाद में इसका उपयोग सरकारी कार्यों में किया जाता है।
लेकिन यह प्रक्रिया इतना आसान भी नहीं होता है। इस पूरी प्रक्रिया को समझने के लिए हमने ED के पूर्व अधिकारी सत्येंद्र सिंह से बात की। ये ED में पिछले 30 साल से अधिक समय से आफिसर रहे हैं।
सत्येंद्र सिंह ने बताया कि पैसों को जब्त करने के बाद ED इसे अपने ऑफिस में लेकर आती है।
उसके बाद इन पैसों को पूरी जानकारी के साथ फिक्स डिपाजट किया जाता है। जिससे कोई भी फेरबदल ना हो सके।
फिर इस मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई होती है। कोर्ट का फैसला आने पर उसका पालन किया जाता है।
कोर्ट का फैसला 2 तरीके से आ सकता है।
दोषी व्यक्ति गलत साबित हुआ तो क्या होगा?
यदि दोषी व्यक्ति गलत साबित हुआ तो उसको कानून के तहत सजा दिया जाता है।
जिसमें न्यायपालिका भारतीय संविधान के अनुसार दोषी को सजा सुनाती है।
फिर कानून व्यवस्था न्यायपालिका के आदेशों का अमल करती है।
अगर दोषी व्यक्ति गलत साबित नहीं हुआ तो क्या होगा?
अगर दोषी व्यक्ति गलत साबित नहीं हुआ तो न्यायपालिका उसके पूरे पैसे लौटा देती है।
किसी किसी केस में कुछ मुल्य राशि भी दिया जाता है।
जिससे कानून प्रक्रिया के दौरान दोषी व्यक्ति के हुए नुकसान को पूरा किया जा सके।
घर, मकान जैसी स्थिर संपत्ति का क्या किया जाता है?
घर, मकान बिल्डिंग जैसी स्थिर संपत्ति को ED सील कर देती है।
अचल संपत्तियों को सील करने से पहले मकान मालिक को नोटिस दिया जाता है।
उस नोटिस में मकान खाली करने की समय सीमा निर्धारित रहती है। जैसे ही समय की सीमा पार होती है, ED उस मकान को खाली करवाकर अपने अंडर में ले लेती है।
ईडी को हर कार्य कानून के दायरे में रहकर करना पड़ता है।
अगर संपत्ति किसी भी घोटाले में नहीं आती है तो उसे लौटा दिया जाता है।
ED का पूरा मामला क्या है?
मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में ED अब तक 220 से ज्यादा कंपनियों और लोगों के यहां छापेमारी कर चुका है. जांचकर्ताओं ने करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त की है और यहां तक कि एक भारतीय बैंक के सह-अध्यक्षों को भी गिरफ्तार किया है।
यह मामला अपने आप में सरकार को संभालने के लिए बहुत कुछ है लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ईडी द्वारा आयकर अधिनियम की धारा के तहत छापेमारी में धन का सबसे बड़ा हिस्सा पकड़ा गया था।
ED कौन से कानून का उपयोग करके जांच प्रक्रिया आरंभ करतीं हैं?
घोटाला जैसे अपराध को रोकने के लिए 4 कानून है। इन्हीं कानूनों के तहत कार्रवाई होगी है।
लेकिन अधिकतर हम दो कानून का ज़िक्र हमेशा सुनते हैं।
- प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 (PMLA)
- फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट, 1999 (FEMA).
PMLA कानून के तहत ED को बहुत सफलता प्राप्त हुआ है। ED के वेबसाइट के मुताबिक PMLA कानून के तहत 17 सालों में 5422 केस दर्ज किए गए।
जिसमें अब तक एक लाख करोड़ तक की संपत्ति जब्त हो चुकी है।
यह धारा आयकर अधिकारियों को अपराधियों से संबंधित संपत्ति पर छापे मारने की अनुमति देती है यदि वे अवैध गतिविधियों में शामिल रहे हैं या यदि वे अपने व्यवसाय या व्यावसायिक मामलों के माध्यम से ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देने में शामिल थे। जो कालाधन को बढ़ावा देते हैं।
इतना कहने के बाद यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि छापेमारी के दौरान जब्त की गई राशि की कभी भी वसूली नहीं की जा सकती है। इसे लेने के लिए कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेना पड़ता है।
संदर्भ: इन करोड़ों रुपये को ट्रैक करने में सक्षम होने के लिए, भले ही वे भौतिक रूप से उनके कब्जे में न हों, हमें कुशल, सटीक निरंतर साइबर विश्लेषण की आवश्यकता है जो सभी एन्क्रिप्शन कोड को तोड़ता है और उनका पता लगाने का लक्ष्य रखता है।
कैसे एक पूर्व राजनेता की संपत्ति पर ईडी का छापा मनी लॉन्ड्रिंग घोटाला निकला।
ईडी जहां काले धन की जांच कर रही है, वहीं सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (सीबीआई) जैसी दूसरी एजेंसी भारत में काला धन जमा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।
सरकार के पास घोटाले का पैसा कितने तरीके से आता है?
सरकार के पास घोटाले का लगभग एक अरब डॉलर का संपत्ति है। सरकार के पास घोटाले का पैसा दो तरह से आता है। एक टैक्स के जरिए और दूसरा जुर्माने के जरिए।
1. कर (Tax)
जब आप अपने करों का भुगतान करते हैं, तो आप अपनी आय का एक हिस्सा उस देश को दे रहे हैं जिसमें आप रहते हैं। इसमें आयकर, बिक्री कर और संपत्ति कर आदि का भुगतान शामिल है।
सरकार दूसरों की तुलना में कुछ वस्तुओं पर अधिक कर लगाती है। उदाहरण के लिए, भोजन और कपड़ों जैसे अन्य सामानों की तुलना में सिगरेट पर प्रति पैक बहुत अधिक कर लगाया जाता है।
2. जुर्माना (Penalty)
सरकार के पास जाने के लिए घोटाले के पैसे का दूसरा तरीका अवैध कार्यों के लिए जुर्माना है। जैसे लाइसेंस नहीं लेना या राजमार्ग पर बहुत तेज गति करना। इसलिए जब कोई ऐसा काम करते पकड़ा जाए जो कानून के खिलाफ हो, तो उसे जुर्माना भरना पड़ता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
टैक्स चोरी करना तथा मनी लांड्रिंग करना किसी भी देश के विकास में बहुत बड़ा अड़चन उत्पन्न करता है।
क्योंकि कोई भी देश आम लोगों के टैक्स से ही चलता है। देश में हो रहे सभी कार्य टैक्स पेयर्स की वजह से ही होता है।
ऐसे में कुछ लोग गैरकानूनी तरीके से टैक्स में कटौती करते हैं। जो देश के लिए अच्छा नहीं होता है।
कुछ लोग सिर्फ इसलिए टैक्स नहीं देना चाहते कि उन्हें सरकार पर भरोसा नहीं होता है। क्या सरकार उनके टैक्स के पैसे से देश में विकास कार्य करेंगी या नहीं।
इस मुद्दे पर विभिन्न लोगों का अलग अलग मत है। आपका क्या राय है?
इस पोस्ट से संबंधित किसी भी प्रकार का सवाल है तो कमेंट में अवश्य पूछें। आपकी पूरी मदद की जाए।