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चीन की कायराना हरकतो के वजह से भारत में इस समय चाइनीस सामान का बहिष्कार किया जा रहा है। भारत की इंटेलिजेंस एजेंसीयो ने कुछ चाइनीज़ ऐप पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है। इनका मानना है कि चाइनीस ऐप भारतीय लोगों के कुछ व्यक्तिगत जानकारी चीन के सरकार को भेज रहे हैं।
इससे भारत और भारत की जनता को बहुत बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता भेजाहै। चीन और भारत के इस तनाव के बीच भारतीय लोगों में चाइनीज़ सामान को लेकर आक्रोश फैला हुआ है।
भारत के सभी लोग Made in India अपनाना चाहते हैं। भारत के बने किसी भी ऐप का इस्तेमाल करने को हर भारतीय तैयार है।
भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसी ने 52 चाइनीज़ ऐप को इंडिया में बैन करने की मांग की है। इसमें Tik tok, Xender, shareit जैसे अन्य बहुत से चाइनीस ऐप शामिल है।
भारत में बैन होने वाले कुछ चाइनीस ऐप इस प्रकार हैं >>>
TikTok
Vault-Hide
Vigo Video
Bigo Live
Weibo
WeChat
ShareIt
UC News
UC Browser
BeautyPlus
Xender
ClubFactory
Helo
LIKE
Kwai
ROMWE
SHEIN
NewsDog
Photo Wonder
APUS Browser
VivaVideo- QU Video
Perfect Corp
CM Browser
Virus Cleaner (Hi Security Lab
Mi Community
DU recorder
YouCam Makeup
Mi Store
360 Security
DU Battery Saver
DU Browser
DU Cleaner
DU Privacy
Clean Master – Cheetah
CacheClear DU apps studio
Baidu Translate
Baidu Map
Wonder Camera
ES File Explorer
QQ International
QQ Launcher
QQ Security Centre
QQ Player
QQ Music
QQ Mail
QQ NewsFeed
WeSync
SelfieCity
Clash of Kings
Mail Master
Mi Video call
XiaomiParallel Space
उपरोक्त सभी ऐप गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद है। जो कि चाइनीज़ ऐप है। हालांकि अभी इन सभी ऐप को बैन करने का निर्णय चल रहा है।
अगर आप अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी के हाथ में जाने से रोकना चाहते हैं तो आप इनमें से कोई भी ऐप अगर आपके फोन में है तो उसे तुरंत डिलीट कर दें।
हेलो दोस्तों, आज हम भारत के पिछले सौ सालों की अवधि में भारतीय झंडा कैसे बदला गया। इसके बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
क्या आपके मन में भी ऐसा सवाल उठता है, कि हमारा राष्ट्रीय ध्वज किसने बनाया? कब बनाया गया? और कैसे बनाया गया? और आपको भारतीय झंडा का इतिहास जानने में रुचि है तो आपको इन सभी सवालों का जवाब इस पोस्ट में मिल जाएगा।
यह तो हमें पता है कि हमारे राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंग है। केसरिया, सफेद, हरा और एक चक्र भी है। लेकिन ऐसा क्यों है और इसके क्या उद्देश्य है।
इसके बारे में हम आगे विस्तार से बात करेंगे सबसे पहले हम भारतीय झंडा का इतिहास समझ लेते हैं।
जो तिरंगा आज हम देखते हैं उसको इस रूप में आने के लिए 100 सालों का वक्त लगा था। यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि इससे पहले भारत के ध्वज को 7 बार बदला गया है :
पहला भारतीय झंडा:(ब्रिटेन द्वारा)
सबसे पहला ध्वज 1857 (अट्ठारह सौ सत्तावन) में बनाया गया था. यह ध्वज अंग्रेजों द्वारा बनाया गया था। जब अंग्रेजों ने ईस्ट इंडिया कंपनी की शुरुआत की.
उस समय अंग्रेजों ने भारत पर एकछत्र राज करने के लिए एक ध्वज निर्माण किया. यह इंग्लैंड के ध्वज से कुछ मिलता जुलता था. उस समय भारत का कोई अपना ध्वज नहीं था इसलिए यह ध्वज भारत के लोगों ने कुछ वर्षों तक अपनाया था।
पहला भारतीय झंडा: (भारतीय महापुरुषों द्वारा)
कुछ समय पश्चात युगपुरुष स्वामी विवेकानंद के शिष्य ने 1904 में प्रथम स्वदेशी ध्वज का निर्माण किया. अब स्वदेशी भारतीय झंडा का इतिहास यहां से शुरू होता है।
स्वामी विवेकानंद द्वारा बनाए गए झंडे में लाल और पीले रंग का उपयोग किया गया था। जिसमें लाल रंग स्वतंत्रता और पीला रंग जीत का प्रतीक था। इस झंडे के बीच में वज्र का निशान था इस वज्र को बौद्ध धर्म से लिया गया था।
इसके चारों तरफ 101 छोटी-छोटी ज्वलनशील दीपक का निशान बनाया गया था। इस झंडेे पर बंगाली में वंदे मातरम लिखााा गया था। पहले हमारे देश की राजधानी कोलकाता हुआ करता था।
जो अब बदल कर दिल्ली कर दिया गया है। कोलकाता का मुख्य भाषा बंगाली है इसलिए इस झंडे पर बंगाली भाषा में वंदे मातरम लिखा गया था।
यह ध्वज सर्वप्रथम कोलकाता में स्थित पारसीबागान चौक में 7 अगस्त 1906 को फहराया गया था।
आगे चलकर कुछ समय पश्चात इस ध्वज को पूर्णतः बदलकर नया ध्वज बनाया गया. जिसमें तीन रंग थे सबसे ऊपर हरा मध्य में पीला और सबसे नीचे लाल रंग हुआ करता था।
हरे रंग में सफेद कलर के कमल के फूल हुआ करते थे मध्य में जो पीला रंग था उसमें वंदे मातरम लिखा हुआ था।
आखरी में सबसे नीचे लाल रंग में सफेद रंग का चांद और सूर्य को प्रदर्शित किया गया था. कुछ लोग इस झंडे को पहला झंडा मानते हैं।
दुसरा भारतीय झंडा:
दूसरा स्वदेशी ध्वज 1907 में मैडम कामा और उनके क्रांतिकारियों ने मिलकर फहराया था। मैडम कामा ऐसी स्त्री थी जो इंग्लैंड, अमेरिका और जर्मनी में स्वतंत्रता क्रांतिकारी को प्रोत्साहन दिया था। यह ध्वज कुछ पहले वाले ध्वज की तरह दिखता था।
इस ध्वज की सबसे ऊपर केसरिया रंग था इसमें सात तारे थे जो सप्त ऋषि को दर्शाते थे। मध्य में पीला रंग था जिसमें वंदे मातरम लिखा गया था और सबसे नीचे वाले भाग में हरा रंग था।
इसमें एक ओर सूर्य और दूसरी ओर चंद्र का निशान था। इसे सबसे पहले वर्लीन में अंग्रेजों के विरुद्ध फहराया गया था।
तीसरा भारतीय झंडा:
10 वर्षों के पश्चात 1917 में एक बिल्कुल अलग झंडे का निर्माण किया गया। इस झंडे में सात तारे थे जो सप्त ऋषि को दर्शाते थे और एक चंद्र भी था।
इसमें 5 लाल पत्ती और 4 हरा पत्ती क्रमबद्ध तरीके से दर्शाया गया था। बाईं ओर यूनियन जैक (Union Jack) का निशान बनाया गया था।
चौथा भारतीय झंडा:
कुछ समय पश्चात 1921 में महात्मा गांधी ने स्वदेशी ध्वज बनाने का जिम्मा पिंगली वंकाया जो क्रांतिकारी थे (Pingli Venkaiya) उनको सौंप दिए।
महात्मा गांधी ने इस ध्वज को इस तरह बनाने को कहा की इसमें सभी धर्मों को एक समान दिखाया जाए।
पिंगली वेंकैया ने 5 सालों में 50 देशों के ध्वज का अध्ययन किया उस अध्ययन के आधार पर उन्होंने एक ध्वज बनाया।
जिसमें एक हरा पट्टी और एक लाल पट्टी था जो सिर्फ हिंदू और मुस्लिम धर्म को ही प्रदर्शित करता था। आगे चलकर महात्मा गांधी के आदेशानुसार इसमें सफेद रंग की पट्टी के साथ एक चरखा को भी सम्मिलित किया गया।
उसके साथ मध्य में एक चक्र भी जोड़ा गया। जो अब यह ध्वज सभी धर्मों को प्रदर्शित करता था।
पांचवां भारतीय झंडा:
फिर 10 साल के बाद 1931 को इस ध्वज को पुन:निर्मित किया गया. जिसमें केसरिया रंग सबसे ऊपर, सफेद रंग मध्य में और हरा रंग सबसे नीचे दर्शाया गया।
झंडे के बीचो बीच चरखा बनाया गया था. जो कर्म निष्ठा को दर्शाता था.
छठवां भारतीय झंडा:
22 जुलाई 1947 को देश के सभी बड़े नेताओं की बैठक हुई इसमें झंडे को लेकर गहरा विचार किया गया। जिसमें चरखे को हटाकर उसके स्थान पर अशोक चक्र स्थापित कर दिया गया।
जो कर्म निष्ठा के साथ साथ उन्नति को भी दर्शाता है. इस तरह यह ध्वज जो आज हम देखते हैं उसको अनुमति मिली और इसे राष्ट्रीय ध्वज घोषित कर दिया गया।
भारतीय झंडे में तीन रंग और एक चक्र जो कुछ इस प्रकार है-
1. केसरिया
इसे कुछ लोग नारंगी अर्थात संतरा रंग (orange colour) भी कहते हैं. जो बलिदान का प्रतीक है और हमारी प्राचीन सभ्यता साधु संतों को दर्शाता है. प्राचीन समय में साधु संत केसरिया रंग के वस्त्र पहनते थे. स्वामी विवेकानंद इसके मुख्य उदाहरण है. जो कि तिरंगे में आज तक उस सभ्यता को बरकरार किया गया है.
2. सफेद:
सफेद रंग यह सुख शांति का प्रतीक होता है. सफेद रंग झंडे में इसलिए लगाया गया है की देश में सुख शांति बना रहे. यह सत्यवादी का भी प्रतीक है. जो हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी मैं झलकता है.
3. हरा:
हरा रंग हरियाली, खुशहाली और उन्नति का प्रतीक है. हम जानते हैं कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है. जिसमें हरियाली का बहुत महत्व है. हमारे देश के किसानों से हमें भोजन और अन्य जरूरत सामान मिलता है जिससे देश के उन्नति होती है.
4. चक्र:
अशोक चक्र नीले रंग का होता है। यह हमारे जीवन चक्र में अशोक चक्र का बहुत ही योगदान है. जो हमें निरंतरता को दर्शाता है और कठिन परिश्रम करने की प्रेरणा देता है. यह न्याय को धार्मिकता से जोड़ता है. जो भारत में सभी धर्मों के लोगों के लिए एक है.
आपने भारतीय झंडा का इतिहास तो समझ ही गए होंगे अब इसके कुछ रोचक तथ्य के बारे में जानकारी लेते हैं जो बहुत कम लोगों को ही होगा.
भारतीय झंडा का इतिहास के कुछ रोचक तथ्य क्या है?
1. भारतीय झंडे का अनुपात 2:3 होना चाहिए. मतलब अगर लंबाई 3 इकाई हो तो चौड़ाई 2 इकाई होना चाहिए. इसमें अशोक चक्र होता है जिसमें कुल 24 तिल्लियां होती है।
2. आज के दौर में हम झंडा घर पर बना भी सकते हैं और फहरा भी सकते हैं यहां तक की उसे बनाकर बेच भी सकते हैं. लेकिन शुरुआती दौर में यह झंडा आम लोगों के लिए नहीं था.
भारतीय झंडा सामान्य व्यक्ति नहीं बना सकता था और ना ही फहरा सकता था यह कानूनी अपराध था.
3. भारतीय झंडा को सिर्फ कर्नाटक में स्थित एक विशाल कंपनी खाद्य ग्राम उद्योग संयुक्त संघ द्वारा ही बनाया जाता था.
4. इस झंडे को खादी फैब्रिक के कपड़े से ही बनाया जाता था. इसके लिए कोई भी अन्य कपड़े का उपयोग नहीं किया जाता था.
5. भारतीय उद्योगपति नवीन जिंदल ने दिल्ली उच्च न्यायालय में इस बात की अपील की. कि भारतीय ध्वज फहराना सभी भारतीयों का अधिकार होना चाहिए. जो इसकी प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए फहराया जाए.
केंद्र सरकार ने इस बात को मंजूरी दे दी और इस प्रकार 2001 में ध्वजारोहण सभी भारतीयों के लिए शान बन गया. और हमारा राष्ट्रीय ध्वज भी हमारे देश की शान है.
अगर आपको यह पोस्ट पढ़ते समय कोई भी सवाल आपके मन में आया हो और उसका उत्तर आपको नहीं मिल पाया हो तो आप कमेंट में अवश्य पूछ ले आपको आपके सवाल का उत्तर अवश्य मिलेगा.
अगर आपको इस पोस्ट से संबंधित किसी भी प्रकार का सवाल है तो आप कमेंट में अवश्य पूछे। आपके सवालों का जवाब देने की पूरी कोशिश की जाएगी।
कोरोनावायरस के इस महामारी के दौरान बहुत से नए शब्द उभरकर आए हैं। जब हम लोग न्यूज़ चैनल देखते हैं तो उसमें कुछ ऐसे नए-नए शब्द न्यूज़ चैनल वाले बोलते हैं इसका हमें हिंदी में अर्थ नहीं मालूम होता है। तो अब आपको चिंता करने की कोई बात नहीं है मैं इस पोस्ट में क्वॉरेंटाइन, पैंडमिक meaning in hindi. इसके साथ-साथ Covid-19 in hindi के बारे में भी बताऊंगा। चलिए मैं आपको ऐसे सभी शब्दों का हिंदी में अर्थ स्पष्टता से बताता हूं।
क्वॉरेंटाइन का hindi meaning होता है लोगों से अलग करना यह शब्द हम बार-बार सुनते हैं। शुरुआतीीी दौर में अक्सर इस शब्द का उपयोग न्यूज़ चैनल वाले को करते हुए देखते हैं। अब तो लगभग सभी लोग इस शब्द का उपयोग करने लगेे हैं।
जब किसी व्यक्ति को कोरोनावायरस हो जाता है। तब उस व्यक्ति को क्वॉरेंटाइन अर्थात अन्य लोगों से अलग कर देते हैं। ताकि वह किसी सामान्य या स्वस्थ व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए। जिससे किसी को कोरोनावायरस जैसे खतरनाक बीमारी ना हो।
अब आप क्वॉरेंटाइन meaning in hindi हिंदी और इसके बारे में कुछ जानकारी भी जान चुके हैं।
2. सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing)
सोशल डिस्टेंसिंग का hindi meaning होता है सामाजिक दूरी । यह शब्द भी हम लोग अक्सर न्यूज़ चैनलों पर सुनते हैं। हम अक्सर सुनतेे हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें अर्थात सामाजिक दूरी बनाए रखें।
जैसे कि हमें पता है कोरोनावायरस एक ऐसा महामारी है जो लोगों के संपर्क में आने से ही फैलता है। इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग अर्थात सामाजिक दूरी बनाए रखने से कोरोनावायरस बहुत तेजी से नहीं फैलता है। इसलिए हमेशा सोशल डिस्टेंसिंग अर्थात सामाजिक दूरी बनाए रखें।
3. कोविड-19(Covid-19)
अक्सर हम लोग कोरोनावायरस की जगह Covid-19 लिखा हुआ पढ़ते हैं। ऐसा क्यों लिखा जाता है ? चलिए मैं आपको बताता हूं।
दरअसल कोरोनावायरस सबसे पहले इस दुनिया में चीन के वुहान शहर से सन् 2019 में आया था। इसके बाद कुछ ही दिनों में 2020 आते-आते यह पूरा दुनिया में फैल गया। लेकिन कोरोनावायरस की उत्पत्ति 2019 में हुई थी और यह एक बीमारी है इसलिए इसे कोविड-19 कहा जाता है।
Covid-19 का फुल फॉर्म Corona Virus disease 2019 (Covid-19). होता है।
मतलब कोरोनावायरस से फैली हुई बीमारी जो 2019 में आया था। अगर फिर भी आपके मन में किसी भी प्रकार का सवाल है तो आप कमेंट में उससे पूछें।
4. पैंडेमिक (Pandemic)
दरअसल यह एक इंग्लिश शब्द है , पैंडेमिक (Pandemic) का अर्थ होता है सर्वव्यापी महामारी । सर्वव्यापी का मतलब होता है जो हर जगह फैला हुआ है। कोरोनावायरस भी बहुत तेजीी से पूरी दुनिया में फैला हुआ है जोो एक महामारी की तरह है। यह दुनिया में लाखों लोगों की जान ले चुकाा है। इसलिए इससे सावधान रहने कीी सख्त जरूरत है।
सर्वव्यापी महामारी को ही इंग्लिश में पैंडेमिक कहा जाता है। सिर्फ कोरोनावायरस से फैलें हुए बीमारी को ही Pandemic नहीं कहा जाता है। इसी तरह सेेे कोई और बीमारी विकराल महामारी का रूप धारण कर लेती है तो उसे भी पैंडेमिक कहा जा सकता है है।
5. आइसोलेशन (isolation)/ isolation ward
isolation भी इंग्लिश शब्द है जिसका अर्थ होता है एकांत करना या अकेला करना। जब हम कहींं सुनते हैं किसी व्यक्ति को आइसोलेट (isolate) कर दियाा गया है तो उसका मतलब होताा है उस व्यक्ति को किसी एकांत जगह पर रख दिया गया है। जहां पर उसके अलावा कोई और व्यक्ति ना रहे। Isolation ward का मतलब होता है एकांत जगह।
जब कोई व्यक्ति गंभीर बिमारी के स्थिति में होता है और वह भी संपर्कशिल बीमारी से ग्रसित होता है। तो उसे आइसोलेट(isolate) कर दिया जाता है मतलब उसे सबसे अलग कर दिया जाता है। जिससे कोई स्वस्थ व्यक्ति उसके संपर्क में ना आए। इससे बीमारी को व्यापक रूप लेने से नियंत्रित किया जा सकता है।
6. वेंटीलेटर (Ventilator)
Ventilator का हिंदी में अर्थ होता है वायु प्रवाह। कोरोनावायरस मरीज को जब सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है तो उसे वेंटिलेटर अर्थात वायु प्रवाह दिया जाता है जिससे वह आसानी से सांस ले सके। Ventilator से मरीज को आक्सीजन प्रदान कियाा जाता है।
कोरोनावायरस से ग्रसित व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है, यह एक कोरोनावायरस बीमारी का लक्षण है। इसकी इस समस्या से बाहर निकलने के लिए वेंटीलेटर का उपयोग किया जाता है। जिससे मरीज को सांस लेने में दिक्कत ना हो और उसका इलाज आसानी से हो सके।
7. Community Spread
community spread का अर्थ होता है सामुदायिक फैलाव। जब किसी एक ही स्थान पर कोरोनावायरस बहुत तेजी से फैल रहा होता है। तो उसे कम्युनिटी स्प्रेड अर्थात सामुदायिक फैलाव कहा जाता है। इससे लोगों में बहुत तेजीी से कोरोनावायरस फैलने का खतरा होता है।
Community spread सेेेे बचने के लिए घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। कम्युनिटी स्प्रेड यह महामारी का एक व्यापक रूप है। जिसे नियंत्रित करना बहुत ही कठिन होता है। कम्युनिटी स्प्रेड से बचने के लिए लोगों के बीच दूरी बनाए रखना बहुत ही आवश्यक है।
8. Self-Quarantine
Self-Quarantine meaning in hindi होता है खुद को पब्लिक जगह से अलग कर लेना। जब कोई व्यक्ति कोरोनावायरस से डर जाता है तो वह self-quarantine अर्थात खुद को बिना किसी के दबाव में आकर पब्लिक जगह से अलग कर लेता है।
जिससे उस व्यक्ति को कोरोनावायरस होने के संभावना आम लोगों के मुताबिक बहुत ही कम हो जाता है। कोरोनावायरस महामारी के दौरान ज्यादातर लोग self-quarantine हो गए थे। जो सुरक्षा की ओर एक बहुत ही समझदार भरा कदम है।
आपने क्या सीखा :-
आपने कोरोना वायरस महामारी के दौरान आए हुए मैंने शब्दों के बारे में जानकारी प्राप्त की है। अब आप भी इन शब्दों को लेकर आत्मविश्वास पूर्ण रहेंगे।
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अभी भी कोई सवाल आपके मन में तो कमेंट में अवश्य पूछे।
मोबाइल नंबर आपके आधार कार्ड से लिंक है या नहीं? कौन सा मोबाइल नंबर मेरे आधार कार्ड से लिंक है ?दोस्तों, अगर आप जानना चाहते हैं कि आपका कौन सा मोबाइल नंबर आधार कार्ड से लिंक है या फिर कोई भी मोबाइल नंबर आधार कार्ड से लिंक है या नहीं। तो यह आर्टिकल आपके लिए है।
अगर आपने यूट्यूब (Youtube) देखा होगा तो आपको बहुत सारी फर्जी वीडियो मिले होंगे उनमें से कुछ उपयोगी भी होंगे लेकिन ज्यादातर वीडियो फर्जी होते हैं। यहां मैं आपको पूरी जानकारी (Complete information) बताता हूं कि आपका कौन सा मोबाइल नंबर आधार कार्ड से लिंक है या नहीं ?
Step 1:
सबसे पहले आपको गूगल पर जाना होगा वहां पर आपको UIDAI सर्च करना होगा। यह सरकारी वेबसाइट है। आपको जो सबसे पहले वेबसाइट मिलेगी उस पर क्लिक करना होगा। जो कि नीचे की फोटो में दिखाया गया है।
जब आप UIDAI पर क्लिक करेंगे तो आपके सामने कुछ ऐसा दिखाई देगा जो कि नीचे के फोटो में दिखाया गया है।
Step 2:-
आप इसे थोड़ा ऊपर करेंगे तो आपको Aadhar Service लिखा हुआ दिखेगा। जो कि नीचे के फोटो में दिखाया गया है।
Step 3:-
इसमेंं आप verify an Aadhar number पर क्लिक करेंगे।
जब आप verify an Aadhar number पर क्लिक करेंगे तो आपको कुछ ऐसा दिखाई देगा जो कि नीचे की फोटो में दिखाया गया है।
Step 4:-
इसमें आप आधार नंबर और कैप्चा (Captcha) सावधानीपूर्वक भर देंगे। आधार नंबर और कैप्चा भरने के बाद Proceed to verify पर क्लिक करेंगे। तो आपकेेे सामने कुछ ऐसा दिखाई देगा। जो कि नीचे के फोटो में दिखाया गया है।
ऊपर की फोटो में आप देख सकते हैं जिस व्यक्ति का आधार कार्ड रहेगा उस व्यक्ति का आयु दिखाई देगा जो कि यहां 40 से 50 दिखाया गया है। Gender दिखाई देगा यहां पर Female का आधार कार्ड है। इसलिए Female दिखाया गया है। राज्य दिखाया गया है जो कि यहां पर उत्तर प्रदेश है, आपका आधार कार्ड किस राज्य का होगा वहीं राज्य यहां पर (दिखाएगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
अंतिम में मोबाइल नंबर दिखाया गया है मोबाइल नंबर से लास्ट के 3 अंक को दिखाया जाता है। आपके पास जितने भी मोबाइल नंबर है उनमें से किसी एक मोबाइल नंबर के लास्ट का 3 डिजिट अगर इससे मेल होता है तो वही आपका नंबर होगा और अगर नहीं होता है।
तो आपको आधार केंद्र पर जाकर अपना नंबर फ्री में बदलवा सकते हैं। मोबाइल नंबर बदलवाने या आधार कार्ड से जोड़ने के लिए आपको किसी भी प्रूफ (Proof) की आवश्यकता नहीं होती है।
आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि पूरा मोबाइल नंबर क्यों नहीं दिखाते हैं तो पूरा मोबाइल नंबर इसलिए नहीं दिखाया जाता है क्योंकि कोई भी आपके आधार कार्ड के नंबर से आपके मोबाइल नंबर ले सकता है और आगे चलकर छेड़खानी कर सकता है।
Fraud call, bank details fraud etc जैसे अनेक कॉल आपके मोबाइल पर आ सकते हैं।
हेल्लो दोस्तों, क्या आप भी पैन कार्ड घर बैठे बनाना चाहते हैं? तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़े। आज के समय में आपको पैन कार्ड बनाने के लिए कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है।
आप अपना पैन कार्ड घर पर ही अपने फोन से बना सकते हैं। मैं आपको एकदम आसान तरीके से समझा देता हूं कि घर बैठे पैन कार्ड अपने फोन से या कंप्यूटर से कैसे बना सकते हैं। चलिए मैं आपको एक एक स्टेप से बताता हूं।
Pan card अप्लाई करने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स निचे बताये गए है। इन सभी स्टेप्स का पालन करके आप घर बैठे ही पैन कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
Step 1. Income tax की वेबसाइट पर जाएं।
पैन कार्ड बनाने के लिए सबसे पहले आपको गूगल पर जाना होगा और वहां पर Pan card income tax लिखना है। तो आपके मोबाइल में कुछ ऐसा दिखाई देगा। जो कि नीचे की आकृति में दिखाया गया है। आपको इस वेबसाइट पर क्लिक करना है।
आप इस पर क्लिक करेंगे तो आपको कुछ ऐसा दिखाई देगा। जो कि नीचे की आकृति में दिखाया गया है।
आपको इस पर दो ऑप्शन दिखाई देता है जो कि ऊपर की आकृति में दिखाया गया है। पहला ऑप्शन है गेट न्यू पैन (Get new PAN) मतलब आपको नया पैन कार्ड बनाना है तो आप चिन्हित किए गए बटन पर क्लिक करेंगे। तो आपके सामने कुछ ऐसा फॉर्म आएगा। जो कि नीचे की आकृति में दिखाया गया है।
Step 2. अब आप फॉर्म को ध्यानपूर्वक भरें।
अब आप हर एक जानकारी ध्यान से भरना शुरू करेंगे। चिन्हित किए गए स्थान पर आप अपने आधार कार्ड का नंबर ध्यानपूर्वक डालिए। जो कि नीचे की आकृति में दिखाया गया है।
उसके बाद नीचे एंटर कैप्चा (Enter Captcha) के स्थान पर आपको जो सामने लिखा हुआ दिखाई देता है वही आपको भरना है जैसे कि यहां पर लिखा हुआ है V86CQC तो मैं यही भर लूंगा। जो कि नीचे की आकृति में दिखाया गया है। आपके मोबाइल में इसके स्थान पर कुछ और ही लिखा हुआ आएगा तो आपको अपने मोबाइल वाला ही (Captcha) भरना है ।
यह भरने के बाद आपको एक छोटा सा बॉक्स दिखाई देता होगा जो नीचे की आकृति में चिन्हित किया गया है उस पर क्लिक करना है।
ऊपर बताए गए सभी जानकारी भरने के बाद आपको कुछ ऐसा दिखाई देगा जो कि नीचे की आकृति में दिखाई देती है। उसके बाद आप चिन्हित किए गए (Generate Aadhar OTP) बटन पर क्लिक करेंगे।
नोट :-
पैन कार्ड बनाने के लिए आधार कार्ड होना जरूरी होता है और वह आधार कार्ड आपके मोबाइल नंबर से लिंक होना चाहिए। अगर आपके पास आधार कार्ड नहीं है और अगर है तो वह मोबाइल नंबर से लिंक नहीं है तो आप इस माध्यम से पैन कार्ड नहीं बना सकते है।
Step 3. अब आपके आधारकार्ड से रजिस्टर मोबाइल नंबर पर OTP आएगा। वह OTP नंबर डालें।
जैसे ही आप Generate Aadhar OTP वाले बटन पर क्लिक करेंगे। आपका जो मोबाइल नंबर आधार कार्ड से लिंक है उस मोबाइल नंबर पर एक OTP आएगा। उस ओटीपी को नीचे दर्शाए गए स्थान पर भर देंगे।
उसके बाद नीचे फोटो में दर्शाए गए छोटे से बॉक्स पर क्लिक करना है।
अब आपको Validate Aadhar OTP and Continue वाले बटन पर क्लिक करना है। इस बटन पर क्लिक करने केे बाद आपकेेे सामने कुछ ऐसा दिखाई देगा जो नीचे की आकृति में दर्शाया गया है।
Step 4. सब भरने के बाद Submit बटन पर क्लिक करें।
नीचे की आकृति में एक छोटा सा बॉक्स तीर के माध्यम सेे दिखाने की कोशिश किया गया है उस पर क्लिक करना है। उसके बाद Submit PAN request वाले बटन पर क्लिक करना है।
इस बटन पर आपको क्लिक करने के बाद नीचे दी गई फोटो के अनुसार आपको एक नंबर मिलेगा इस नंबर को सावधानीपूर्वक कहीं नोट कर लें यह बहुत ही उपयोगी नंबर होगा उदाहरण के तौर पर नीचे की फोटो में दर्शाया गया नंबर से आपका नंबर अलग होगा। आप उस नंबर को अवश्य नोट करें।
Step 5.
अब आप 15 मिनट के बाद चेक स्टेटस (Check Status) जो कि लाल कलर से लिखा हुआ है उस पर क्लिक करें। जो नीचे के फोटो में चिन्हित किया गया है।
अगर आप लाल रंग से लिखा हुआ बटन पर क्लिक करते हैं तो आपके सामने नीचे दर्शाए गए चित्र के अनुसार दिखाई देगा।
उपरोक्त बताए गए जानकारी के अनुसार इसमें भी आधार नंबर और कैप्चा (Captcha) भरकर Submit वाले बटन पर क्लिक करें जो कि नीचे फोटो में दर्शाया गया है।
जब आप Submit वाले बटन पर क्लिक करते हैं तो आपके मोबाइल नंबर जो आपके आधार कार्ड से लिंक है। उस पर एक ओटीपी जाएगा और नीचेेेेे दर्शाए गए फोटो के अनुसार ओटीपी (OTP) को भर देना है।
Step 6. अपना इ-पैनकार्ड डाउनलोड कर सकते है।
OTP को भरने के बाद आपको Download का बटन दिखेगा उस बटन पर क्लिक करने पर आपको नीचे दर्शाए गए फोटो के अनुसार आपके मोबाइल में दिखेगा। उसमें आधार कार्ड पर जो जन्मदिन है वही जन्मदिन का तारीख (Date) डालना होता है।
नोट :-
उदाहरण के तौर पर मान लीजिए आपका जन्मदिन 4 मई 1995 है तो इसमें 04/05/1995 नहीं डालना है आपको इसमें 04051995 यह डालना है। जो कि नीचे के फोटो में स्पष्टता से दर्शाया गया है। और अगर आपका जन्मदिन 15 अक्टूबर 1995 है तो आपको 15101995 यह डालना है।
जब आप अपना पासवर्ड अर्थात जन्मदिन का तारीख स्पष्टता से डालेंगे तो आपका पैन कार्ड नीचे दिए गए फोटो के अनुसार दिखेगा। इसका आफ जेरॉक्स (Xerox) या कलर प्रिंट आउट निकालकर आप कहीं भी उपयोग कर सकते हैं।
यह पैन कार्ड ई-पैनकार्ड है। यह आम पैन कार्ड की तरह ही कार्य करता है यहां आपका पैन कार्ड बनाने का प्रक्रिया समाप्त होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
उपरोक्त आपको Online Pan Card अप्लाई करने से सम्बंधित सभी जानकारी बता दी गयी है। इस स्टेप्स का पालन करके आप ऑनलाइन पैन कार्ड आसानी से अप्लाई कर सकते है।
पैन कार्ड अप्लाई करने के बाद कम से कम एक महीने के अंदर ही आपके घर तक पहुंच जाता है।
अगर आपको किसी भी प्रकार का सवाल है तो आप कमेंट में अवस्य पूछें। आपको अवश्य मदद किया जायेगा।