Twitter को छोड़कर Koo App कैसे उपयोग करें?

पिछले कुछ दिनों से ऐसा लगता है जैसे Koo App India का टि्वटर (Twitter) बन गया है। Koo App बिल्कुल ट्विटर की तरह ही कार्य करता है। जिस प्रकार ट्विटर पर hashtag, छोटी टिप्पणी करना, मैसेज करना इत्यादि कार्य किया जाता है उसी प्रकार Koo App पर भी यह सभी कार्य किए जा सकते हैं।

Twitter और Koo App में कुछ ज्यादा भिन्नताएं नहीं है। Koo App की खासियत है कि यह अधिकतर भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। जबकि ट्विटर (Twitter) अंग्रेजी में ही उपलब्ध है।

क्या सिर्फ इसी वजह से लोग ट्विटर को छोड़कर कु ऐप को अपना रहे हैं? बिल्कुल नहीं! आगे हम बताएंगे कु ऐप क्या है? क्यों अधिकतर लोग ट्विटर को छोड़कर कु ऐप से जुड़ रहे हैं? क्या आपको भी कु ऐप के साथ जुड़ना चाहिए? इसके साथ साथ हम Koo App को कैसे उपयोग करें इसके बारे में भी जानकारी देंगे।

Twitter के होते हुए Koo App की जरूरत क्यों पड़ी? ऐसे ही कुछ सरल सवालों का जवाब आपको इस पोस्ट में मिलेगा तो कृपया इसे ध्यान से पढ़ें। आगे आपको Koo App के कुछ फायदे और नुकसान भी बताए जाएंगे। Koo App कैसे उपयोग करें?

Koo App के बारे में संक्षिप्त जानकारी।

Koo App एक भारतीय एप्लीकेशन है। इन्होंने इसकी खोज 14 नवंबर 2019 में किया था। इसे मार्च 2020 में सामाजिक तौर पर लॉन्च किया गया। इसके संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्ण ( Aprameya Radhakrishna ) और मयंक बिदावतका ( Mayank Bidawatka ) है। देखते ही देखते लगभग 30 लाख से ज्यादा लोग इसे डाउनलोड कर चुके हैं।

Koo App आत्मनिर्भर भारत अभियान चैलेंज भी जीत चुका है। वह हर एक कार्य जो आप ट्विटर पर करते हैं वह सभी कार्य कु ऐप पर भी आसानी से कर सकते हैं। Koo App लगभग हर भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होने के कारण यह ट्विटर से थोड़ा अलग हो जाता है।

Koo App में अधिकतर 400 शब्दों का पोस्ट लिख सकते हैं। यह आने वाले समय में लगभग हर भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगा।

Koo App में उपस्थित भाषाएं निम्नलिखित हैं :-

  • हिंदी।
  • अंग्रेजी।
  • मराठी।
  • कनाडा।
  • तमिल।
  • तेलुगू।
  • आसामी।

जल्द आने वाली भाषाएं …

  • बांग्ला।
  • गुजराती। Nivala
  • कश्मीरी।
  • मलयालम।
  • मणिपुर।
  • नेपाली।
  • उड़िया।
  • पंजाबी।
  • संस्कृत।
  • उर्दू।

Koo App मुख्यत: भारतीय एप्लीकेशन होने के कारण इसे भारत के लगभग सभी भाषाओं में उपलब्ध किया जा रहा है। कु ऐप को कोई भी भारतीय व्यक्ति अपनी मनपसंद भाषाओं को चुनकर कु ऐप पर अपने विचार प्रकट कर सकता है।

क्यों अधिकतर लोग ट्विटर को छोड़कर कु ऐप के साथ जुड़ रहे हैं?

ज्यादातर भारतीय लोग चाइना के साथ-साथ अन्य विदेशी सामानों का बहिष्कार करना चाहते हैं। इन विदेशी सामानों की जगह पर कोई अन्य भारतीय प्रोडक्ट की ओर देख रहे हैं।

किसान आंदोलन के दौरान लाल किला पर हुई दंगों में सम्मिलित लोगों का ट्विटर अकाउंट बंद करने के लिए भारतीय सरकार द्वारा नोटिस जारी किया गया। लेकिन ट्विटर , भारतीय सरकार के नोटिस पर खरा नहीं उतर पाया। जिसके कारण भारतीय सरकार ने ट्विटर पर आपत्ति जताया।

ट्विटर के इस रूख को देखते हुए, कुछ लोग जो सरकार का समर्थन करते हैं वह Koo ऐप को ज्वाइन कर लिया। जो कि बिल्कुल ट्विटर की तरह कार्य करता है।

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इस प्रकार अधिकतर लोग ट्विटर के साथ-साथ कु ऐप के साथ जुड़ने लगे। कुछ लोग तो ट्विटर से इतना नाराज हुए की वे लोग ट्विटर को हमेशा के लिए छोड़ कर कु ऐप पर प्रस्थान कर गए।

क्या आपको भी Koo ऐप के साथ जुड़ना चाहिए?

हालांकि Koo एप्प में कुछ खामियां है लेकिन अगर आप स्वदेशी सामान का उपयोग करना पसंद करते हैं तो इसे अवश्य उपयोग करें।

वही Koo App के बारे में फ्रांस के एक साइबर सिक्योरिटी और खोजकर्ता ने यह दावा किया कि कू ऐप से लोगों की व्यक्तिगत जानकारी लीक हो रहा है। इन्होंने कुछ स्क्रीन शॉट (Screen shot) भी अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम सेे शेेेयर किया है। इस जानकारी को मुख्यत: टेक्निकल लोग ही समझ सकते हैं। 

Koo App उपयोग कैसे करें
Koo App leak information

कु ऐप ने इसे ध्यान रखते हुए कार्य करना शुरू कर दिया है। उम्मीद है कुछ दिनों में कु ऐप इसे ठीक करके ट्विटर की तरह एक सुरक्षित भारतीय एप्लीकेशन को तैयार करेगा। जिसे हर भारतीय नागरिक आसानी से उपयोग कर सकेगा। Koo App कैसे उपयोग करें?

Koo App को डाउनलोड/उपयोग कैसे करें ?

Koo App प्ले स्टोर और ऐप स्टोर जैसे प्लेटफार्म पर उपलब्ध है। एंड्रॉयड (Android) उपयोगकर्ता के लिए प्ले स्टोर और आईफोन (iPhone) उपयोगकर्ता के लिए ऐप स्टोर पर उपलब्ध है। प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से अन्य एप्लीकेशन की तरह इसे भी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।

Koo App बिल्कुल ट्विटर की तरह कार्य करता है। इसलिए अगर आपने कभी टि्वटर चलाया होगा तो Koo App को बिल्कुल आसानी से चला सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):-

भारतीय सरकार के कुछ केंद्रीय मंत्री ने कु ऐप को ज्वाइन कर लिया है। जिसे देखकर हम यह समझ सकते हैं कि कु ऐप में उपस्थित सभी खामियों को इसके संस्थापक (Founder) अप्रमेय राधाकृष्ण ने ठीक कर दिया होगा।

जिस प्रकार हमें पता है कि Koo App पर लगभग सभी भारतीय भाषाएं उपलब्ध है। इसलिए अपने प्रादेशिक भाषा में कु ऐप का उपयोग करना बहुत ही अच्छा अनुभव होगा।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत धीरे धीरे विदेशी सामानों का बहिष्कार करके स्वदेशी सामानों को अपनाना चाहिए। जिससे अपने देश पर किसी भी बाहरी ताकत का दबाव ना रहे।

जिससे हम अपने देश के भारी-भरकम जनसंख्या का उपयोग करके पूरी दुनिया पर दबाव बना सके।

अगर आपको इस पोस्ट को पढ़ते समय किसी भी प्रकार का सवाल उत्पन्न होता है तो आप कमेंट में अवश्य पूछें। आपकी पूरी मदद अवश्य की जाएगी।

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