SBI में खाता खोलने के लिए कौन-सा Document चाहिए?

क्या आपको SBI बैंक में खाता खोलना है? और आपको पता नहीं है कि SBI में खाता खोलने के लिए कौन सा डॉक्यूमेंट चाहिए।

तो आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। इस पोस्ट में किसी भी बैंक में खाता खोलने के लिए क्या-क्या डॉक्यूमेंट लगता है इसके बारे में पूरी जानकारी बताई जाएगी।

SBI बैंक में खाता खोलने के लिए कौन कौन सा डॉक्यूमेंट चाहिए?

State Bank of India (SBI) में सेविंग खाता खोलने के लिए कुछ डॉक्यूमेंट चाहिए होते हैं। जिससे आसानी से पैसे का लेन देन किया जा सके।

SBI में खाता खोलने के लिए निम्नलिखित डॉक्यूमेंट चाहिए:

  • आधार कार्ड: आपका एड्रेस प्रूफ करने के लिए।
  • पैन कार्ड: आपका पहचान प्रूफ करने के लिए।
  • वोटर आईडी: आपके पहचान के लिए।
  • फ़ोटो: 3 फोटो फॉर्म भरकर उसपर चिपकाने के लिए।
  • मोबाइल नंबर: SMS भेजने के लिए।
  • KYC फार्म: अपना KYC कंपलीट करने के लिए।

KYC फार्म आपको बैंक में मिल जाएगा।

उपरोक्त बताए गए सभी सभी डॉक्यूमेंट होने पर आपका अकाउंट किसी भी बैंक में खुल सकता है।

डॉक्यूमेंट इकट्ठा करने के बाद अब क्या करें?

सबसे पहले आधार कार्ड और पैन कार्ड का जेरॉक्स निकाल लें। ओरिजिनल डॉक्यूमेंट और जेरॉक्स दोनों लेकर बैंक में जाएं।

वहां पर अकाउंट खुलवाने के लिए कर्मचारी से एक फॉर्म मांगे। बैंक वाला आपको एक फार्म देगा। उस फार्म को भरें। फॉर्म और डॉक्यूमेंट का जेरॉक्स काउंटर पर जाकर सबमिट कर दें।

अगर आपको पता नहीं है कि किस काउंटर पर सबमिट करना है। तो किसी भी बैंक कर्मचारी से पूछें।

डॉक्यूमेंट सबमिट करने के 1 या 2 दिन में अकाउंट खुल जाता है। डॉक्यूमेंट सबमिट करते समय आप बैंक कर्मचारी पूछ भी सकते हैं, कि कितने दिन में अकाउंट खुल जाएगा।

SBI में नाबालिग (Minor) का अकाउंट कैसे खोलें?

अगर आप अभी नाबालिक हैं या फिर आपकी उम्र 18 साल से कम है। और सेविंग बैंक अकाउंट खोलना चाहते हैं। जिससे आप अपनी पॉकेट मनी बैंक में सुरक्षित रख सके। तो आप SBI बैंक में ट्राई कर सकते हैं।

State Bank of India (SBI) नाबालिक का सेविंग अकाउंट खोलने की अनुमति देता है। सिर्फ कुछ ही बैंक नाबालिक का सेविंग अकाउंट खोलने की अनुमति देते हैं।

नाबालिक (Minor) का सेविंग अकाउंट खोलने के लिए कौन कौन सा डॉक्यूमेंट चाहिए?

नाबालिग का अकाउंट खोलने के लिए निम्नलिखित डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है:

  • आधार कार्ड: एड्रेस तथा पता प्रूफ करने के लिए।
  • फ़ोटो: फार्म भरकर उस पर चिपकाने के लिए।
  • KYC फार्म : अपनी पूरी जानकारी भरने के लिए।

उपरोक्त बताए गए जानकारी के अनुसार KYC फॉर्म बैंक में मिलेगा। फॉर्म और आधार कार्ड का जेरोक्स बैंक में सबमिट कर दें।

अब 1 से 2 दिनों में आपका अकाउंट खुल जाएगा।

ध्यान रहे:

जब आप व्यस्क या 18 वर्ष से अधिक हो जाएंगे तो आप पैन कार्ड ले जाकर KYC कंप्लीट कर दें।

इसे भी पढ़े :

SBI में खाता खोलने के लिए कितना पैसा चाहिए ?

वैसे तो SBI में खाता खोलने के लिए एक भी रूपये नहीं लगता है। लेकिन आपको अपने अकाउंट में कुछ न्यूनतम पैसे रखने होते है। यह पैसा जब अकाउंट बंद होगा तब पूरा निकाल सकते हैं। यह अमाउंट अलग अलग क्षेत्रों में अलग होता है।

इस तरह से उपरोक्त बताए गए डॉक्यूमेंट के अनुसार आप SBI बैंक में सेविंग अकाउंट खोल सकते हैं। और अपने बचाए गए पैसे को अपने बैंक में सुरक्षित रख सकते हैं।

  • अगर आप शहरी क्षेत्रों में रहते है तो आपको ₹1000 से ₹2000 बैंक अकाउंट में रखना होता है।
  • यदि आप मेट्रो सिटी में रहते हैं तो यह अमाउंट ₹500 से ₹1000 हो सकता है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों तथा कस्बों में ₹100 से ₹500 तक होता है।
  • इसके अलावा छात्रों को न्यूनतम राशि देने की जरूरत नहीं पड़ती है।

SBI बैंक में खाता क्यों खुलवाना चाहिए?

SBI बैंक में खाता खुलवाने के बहुत से सुविधाएं मिलती है। जिसके लिए कुछ बैंकों में पैसे देने पड़ते हैं।

SBI बैंक में मिलने वाली सुविधाएं कुछ इस प्रकार है:

  1. अक्सर SBI बैंक में खाता खुलवाने पर पासबुक तुरंत मिल जाता है। अगर इमरजेंसी में अकाउंट खुलवाना है तो यह सबसे अच्छा साबित हो सकता है।
  2. आपको मुफ्त में एटीएम कार्ड की सुविधा मिलती है। बहुत बार अन्य बैंक इसके लिए कुछ अमाउंट चार्ज करते हैं।
  3. खाताधारकों को चेक बुक भी मुफ्त में मिल जाता है। कुछ बैंकों में चेक बुक के लिए एक्स्ट्रा अमाउंट देने पड़ते हैं।
  4. नि:शुल्क SMS अलर्ट की सुविधा प्राप्त होती है। अकाउंट में पैसा आने या जाने पर आपके मोबाइल में तुरंत SMS आ जाता है।
  5. आप निशुल्क मोबाइल बैंकिंग भी कर सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):

अगर आप किसी भी बैंक में अकाउंट खोलना चाहते हैं। तो आप बेझिझक उस बैंक में जाकर बैंक कर्मचारियों से सलाह ले सकते हैं।

आप उस बैंक में जाकर सेविंग अकाउंट के लिए क्या-क्या डॉक्यूमेंट लगता है। इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

जानकारी लेने के बाद अगले दिन उस बैंक में जाकर अकाउंट खोल लें।

SBI में खाता खोलने के लिए कौन कौन सा डॉक्यूमेंट चाहिए? इस पोस्ट से संबंधित किसी भी प्रकार का सवाल है तो आप कमेंट में मुझसे पूछे आपकी पूरी मदद की जाएगी।

BP App fake है या नहीं? BP Jio Global Partner App क्या है?

हेलो दोस्तों, आज हम लोग BP App के बारे से बात करेंगे। आज मैं आपके सभी सवालों का जवाब दूंगा। जैसे कि क्या BP App fake है या real है? क्या BP App पर पैसे इन्वेस्ट करना चाहिए या नहीं? BP Jio Global Partner क्या है। BP App कितने दिनों तक चलेगी? ऐसे ही अन्य सवालों का जवाब दूंगा। तो इसे ध्यान से पढ़ें।

BP App क्या है?

BP App

BP App एक Third party Online Earning Application है। जो अलग-अलग आइल प्रोजेक्ट में पैसा इन्वेस्ट करने के लिए बोलता है। और उस प्रोजेक्ट के अनुसार रोजाना कुछ पैसे भी देता है।

BP App कहीं भी रजिस्टर नहीं है। जिसका मतलब इसमें पैसे लगाना बहुत रिस्की है। यह कभी भी आपके पैसे लेकर भाग सकती है।

इसमें पैसे लगाने से पहले कई बार सोच विचार कर लें। या फिर उतना ही पैसा लगाएं जितना गुम हो जाने पर ज्यादा दुःख न हो।

कभी भी पैसे कमाने के शार्टकट तरीका का उपयोग न करें। क्योंकि यह पैसा ज्यादा दिनों तक नहीं रहेगा।

BP Jio Global Partner क्या है?

भारत की Jio कंपनी तथा ब्रिटेन की BP PLC कंपनी ने ऊर्जा के क्षेत्र में पार्टनरशिप किया है। जिसे BP Jio Global Partner कहा जाता है। इस पार्टनरशिप में ये कंपनियां भारत में नए पेट्रोल पंप खोलेंगी।

Oil Projects

लेकिन इस पार्टनरशिप का BP App से कोई लेना देना नहीं है। BP App इन कंपनियों के नाम पर Third Party एप्लीकेशन बनाके बिजनेस कर रही है। यह बिजनेस कहीं भी रजिस्टर नहीं है। फल स्वरूप इसमें लगाएं गए पैसे सुरक्षित है या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है।

BP Jio Global Partner App और कितना दिन तक चलेगा। इसकी कोई गारंटी नहीं है। इसलिए BP App पर आंख बंद करके भरोसा करना बिल्कुल भी सही नहीं है।

BP App fake है या real है?

अगर कोई भी कंपनी सरकार के पास रजिस्टर नहीं है। और अपना व्यापार कर रही है। तो वह कंपनी भरोसे के लायक नहीं है।

ऐसा समझिए कि वह कंपनी लोगों को फंसाने के लिए एक जाल बुन रही है। धीरे-धीरे करके कई लोगों को अपने चंगुल में फंसा लेगी। कुछ समय बाद उन लोगों को अपना शिकार बना लेगी।

BP App यह कंपनी British Petroleum (BP) plc जो असली कंपनी है। उसका नाम और logo चुराकर लोगों को बेवकूफ बना रही है। इन्होंने भरोसा दिलाने के लिए एक फेक एप्लीकेशन भी बनाया है। जिसके कारण बहुत से लोग इसमें फंस चुके हैं।

इससे पता चलता है कि BP App एक fake कंपनी है। ऐसी कंपनियों से हमेशा सावधान रहें।

इसे भी पढ़े :

BP App में पैसा फंस गया है अब क्या करें?

BP Funds

BP App एक फ्रॉड कंपनी है जो असली BP (British Petroleum) plc का नाम और लोगो चुराकर धंधा चलाते थे। ये नादान लोगों को मूर्ख बनाकर लूटने का काम करते थे।

BP App फ्रॉड करने आई थी। अब वह फोर्ड करके निकल गई। इसलिए BP ऐप से अपने पैसे वापस ले पाना संभव नहीं है।

जी हां, अब आप BP ऐप से पैसे नहीं ले सकते। इसके बारे में सोचने के बाद बजाय। इस गलती को एक सीख के रूप में लेकर जिंदगी में आगे बढ़े।

देखिए, जिंदगी में हर किसी से छोटी बड़ी गलती होती रहती है। पैसे की लालच मनुष्य को कहीं भी ले जा सकती है। हमें हमेशा मेहनत से पैसे कमाना चाहिए। जिससे सुकून की जिंदगी जी सकें।

इसलिए हमें अपनी गलतियों से सीखना चाहिए। और यह प्रतिज्ञा करना चाहिए कि आज के बाद ऐसी गलती कभी नहीं करेंगे। इस सिख के साथ जीवन में आगे बढ़ जाना चाहिए।

निष्कर्ष (Conclusion):

इससे हमें यह पता चलता है कि कभी भी थर्ड पार्टी ऐप में पैसा इन्वेस्ट ना करें। अधिकतर सुरक्षित तथा लीगल ऐप प्ले स्टोर पर मिलती है।

जो ऐप इल्लीगल तथा फ्रॉड वाली होती है। वह प्ले स्टोर पर नहीं मिलती है। इसलिए किसी अपने जगह से डाउनलोड किए गए एप्लीकेशन पर ज्यादा विश्वास ना करें।

जो हो गया सो हो गया। अब आप सीख लेकर जीवन में आगे बढ़े।

अगर आपको इस पोस्ट से संबंधित किसी भी प्रकार का सवाल है तो कमेंट में अवश्य पूछे।

फोन बार-बार Switch Off क्यों हो रहा है?[2024] | कैसे ठीक करें?

हेलो दोस्तों, क्या आपका मोबाइल फोन बार-बार Switch Off या Restart हो रहा है? जिसके कारण आपको बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा होगा। लेकिन अब आपको चिंता करने की कोई बात नहीं है।

क्योंकि इस पोस्ट में आपके सभी समस्या का समाधान अवश्य मिलेगा।

कभी-कभी तो कॉल आने पर जैसे ही उसे उठाने जाते हैं फ़ोन स्विच ऑफ हो जाता है। जिससे बहुत गुस्सा आता है।

यह समस्या किसी भी कंपनी के फोन में हो सकती है।

आज मैं आप लोगों के साथ वह सभी तरीके सांझा करूंगा। जिससे आप अपने मोबाइल को ठीक कर पाएंगे।

इसलिए आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि इस पोस्ट के बाद आपके फोन बार बार switch off क्यों हो रहा है? इसका समाधान अवश्य मिलेगा ।

फोन बार-बार Switch Off क्यों हो रहा है?

मैंने इस समस्या से निपटने के लिए, एक अनुभवी मोबाइल रिपेयरिंग इंजीनियर से बात की है। उन्होंने कुछ चौंकाने वाले बात बताए हैं। आज मै आपके साथ साझा करना चाहता हूँ।

फ़ोन बार-बार Switch Off होने के कई कारण है लेकिन आम तौर पर यह देखा गया है कि जब आपके फोन की बैटरी खराब होने वाली होती है, तो फ़ोन बार-बार switch off होने लगता है।

इस परिस्थिति में जब आप फोन में कोई भी एप्लिकेशन ओपन करते है, तो फोन की बैटरी पर लोड पड़ता है। ऐसे स्थिति में बैटरी लोड नहीं ले पाती है, अगर आपके फ़ोन की बैटरी पर थोड़ा सा भी लोड आएगा। तो फ़ोन बंद हो जाएगी।

कुछ केस में हो सकता है कि आपके फोन की बैटरी फूल गई हो। जिसके कारण फ़ोन बार बार स्विच ऑफ हो रहा हो।

ज्यादा समय तक खराब बैटरी को चलाने से आपका फोन भी खराब हो सकता है। इसलिए फ़ोन की बैटरी बदल ले।

अगर आपको लगता है की फ़ोन की बैटरी बिलकुल ठीक है तो आप निचे बताये गए कुछ सेटिंग का उपयोग करें।

फ़ोन की बैटरी बदलने से पहले नीचे बताये गए विभिन्न उपाय के मदद से फ़ोन ठीक करने की कोशिश करें।

मोबाइल फ़ोन Switch Off होने का मुख्य कारण क्या है ?

जब मैं अनुभवी मोबाइल रिपेयरिंग इंजीनियर से पूछा कि मेरा फोन बार-बार Switch Off क्यों हो रहा है? तो उन्होंने कुछ अन्य कारण बताया जिसके सेटिंग से फोन बार-बार Switch Off होने से बचा सकते हैं।

फ़ोन Switch Off होने के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार है:

  1. मोबाइल बैटरी ख़राब होना।
  2. सेटिंग से कुछ गड़बड़ी होना।
  3. मोबाइल में अनुपयोगी (Third Party) एप्लीकेशन होना।
  4. मोबाइल फोन का स्टोरेज फुल हो जाना।
  5. मोबाइल का अधिक गर्म होना।
  6. हार्डवेयर से संबंधित समस्या।
  7. Factory Reset करें।

आपको उपरोक्त बताए गए इनमें से कोई भी दिक्कत आ सकती है। अब हम देखते हैं कि मोबाइल फोन बार-बार स्विच ऑफ हो रहा है तो इस समस्या का समाधान कैसे करें।

मोबाइल बार-बार Switch Off हो रहा है तो उसे ठीक कैसे करें?

मोबाइल बार-बार रीस्टार्ट होने जैसी समस्या का समाधान करने के लिए नीचे बताए गए तरीके का उपयोग करें।

अगर आपके फोन का स्विच ऑफ ही नहीं खुल रहा है तो आप फोन को चार्जिंग में लगाकर खोल सकते हैं।

Settings से ठीक करें।

कुछ लोगों के फोन में Automatic switch on/off का विकल्प होता है। जिसके कारण फोन समय-समय पर ऑटोमेटिक ऑन/ऑफ होता रहता है।

इसे बंद करने के लिए आप अपने फोन के सेटिंग में जाएं। उसके बाद Additional Settings में जाएं। वहां पर आपको Automatic On/off का विकल्प दिखाई देगा। उसे बंद कर दें।

Settings>>Additional Settings>>Automatic On/Off

ध्यान रहे:- यह विकल्प सभी मोबाइल में उपलब्ध नहीं होता है। तो आप इस स्टेप को नकार सकते है।

अनुपयोगी एप्लीकेशन को Uninstall करें।

कभी-कभी कुछ लोग किसी अज्ञात वेबसाइट से Mod apk जैसे फाइल को डाउनलोड कर लेते हैं।

कुछ परिस्थिति में अज्ञात वेबसाइट से Mod Apk ऐप डाउनलोड करने पर उसके साथ malware भी आ जाता है। जिससे आपका फोन सही तरीके से नहीं चलता है।

इसके लिए अपनी फाइल मैनेजर में जाकर Mod Apk जैसी फाइल्स को डिलीट कर दें।

अगर आपके फोन में कुछ ऐसे एप्लीकेशन है जिसका आप कभी भी उपयोग नहीं करते हैं तो उसे भी Uninstall कर दें।

जो अप्लीकेशन Uninstall नहीं हो रहा है उसे वैसे ही छोड़ दें। क्योंकि कुछ एप्लीकेशन गूगल की तरफ से आते हैं जो Uninstall नहीं होता है।

Factory Reset करें।

कभी-कभी आपके मोबाइल फोन में बहुत ज्यादा मालवीय हो जाता है। मोबाइल में ज्यादा फोटो ना होने पर भी आपके फोन का स्टोरेज फुल हो जाता है।

ऐसी स्थिति में भी आपका फोन बार-बार स्विच ऑफ हो सकता है। इसे रोकने के लिए फैक्ट्री रिसेट करना पड़ता है।

अगर आपके मोबाइल में कुछ महत्वपूर्ण फोटो या वीडियो है। तो Factory Reset करने से पहले उसका Backup अवश्य कर लें।

अगर आपके मोबाइल में महत्वपूर्ण डाटा नहीं है तो आप डायरेक्ट फैक्ट्री रिसेट कर सकते हैं।

Factory Reset करने के दो तरीके इस प्रकार है:

  1. Factory Reset करने के लिए आप अपने मोबाइल के सेटिंग में “Factory Reset” सर्च करके कर सकते हैं।
  2. मोबाइल को स्विच ऑफ करें। उसके बाद पावर बटन और वॉल्यूम आप बटन एक साथ दबाएं। यहां से आप Data Wipe करके भी फोन को स्टार्ट कर सकते हैं।

इसे भी पढ़े :

मोबाइल को गर्म होने से कैसे रोकें।

कभी-कभी मोबाइल अत्यधिक गर्म होने पर भी बार-बार Restart होने लगता है। इससे बचने के लिए अपने फोन को गर्म जगह पर न रखें।

फोन को अत्यधिक उपयोग करने पर भी यह गर्म होने लगता है। इसलिए अपने फोन को कुछ समय के लिए अनुकूल वातावरण में स्विच ऑफ करके रख दें।

मोबाईल के हार्डवेयर में उपस्थित समस्या ठीक करें?

उपरोक्त बताए गए समाधान काम नहीं कर रहा है तो आपके हार्डवेयर में कुछ दिक्कत हो सकती है। वैसे तो फोन में अलग अलग गड़बड़ी हो सकती है।

लेकिन अधिकांश मोबाइल फोन में एक ज़ीरो ओह्म रजिस्टर या MCB नामक फ्यूज होता है। जो एक निश्चित समय के बाद खराब हो जाता है। उसे बदलने के लिए आपको सर्विस सेंटर जाना होगा।

अगर आपका फोन वारंटी में है, तो आप सर्विस सेंटर में जाकर फ़्री में बनवा सकते हैं। यदि आपका फोन वारंटी की समय सीमा पार कर लिया है तो आपको कुछ पैसे देने पड़ सकते हैं।

आप किसी लोकल मोबाइल रिपेयरिंग दुकान से भी ठीक करवा सकते हैं।

इस तरह से आप अपने फोन को बार-बार Restart होने से बचा सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

मोबाइल फोन बार-बार Restart क्यों हो रहा है? इस समस्या से निपटने के लिए उपरोक्त सभी तरीके बताएं गए हैं।

अंत में आपको मोबाइल रिपेयरिंग सेंटर जाना पड़ सकता है। अगर आपका फोन वारंटी में है तो आपका काम फ्री में हो जाएगा।

परंतु यदि आपके फोन का वारंटी समय खत्म हो गया है तो आप को कुछ पैसे देने पड़ सकते है।

इन सभी तरीके से भी आपका फोन ठीक नहीं होता है तो आपको अपना मोबाइल फोन बदलने का समय आ गया है।

अब आप नए फोन की ओर रुख कर सकते हैं।

अगर आपको इस पोस्ट से संबंधित किसी भी प्रकार का सवाल है तो आप कमेंट में अवश्य पूछे। आपकी पूरी मदद की जाएगी।

Introvert की जीवनशैली: जो एकांत में रहना पसंद करते है ?

कुछ लोग अकेले रहना पसंद करते हैं और सामाजिक परिस्थितियों में सहज महसूस नहीं करते हैं। उन्हें Introvert कहा जाता है।

हो सकते हैं आपने Introvert शब्द कई बार सुना होगा। लेकिन आप इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते हैं। इसलिए आज हम Introvert के बारे में कुछ अनसुने जानकारी प्राप्त करेंगे।

हेलो दोस्तों, कभी-कभी समाज में कुछ लोग Introvert के बारे में अक्सर गलत धारणा बना लेते हैं। लेकिन इसका वास्तविकता से कुछ भी लेना देना नहीं है।

आपने Introvert शब्द को कहीं ना कहीं सुना होगा। इसे सुनकर आपके मन में सवाल आता है कि आखिर ये Introvert मतलब क्या होता है।

आज हम Introvert के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे। इसे पढ़ने के बाद आपके सामने Introvert से संबंधित कोई भी सवाल नहीं आएगा।

Introvert क्या होता है?

Introvert यह किसी भी मनुष्य का व्यक्तित्व हो सकता है। Introvert शब्द का मतलब शांत, शर्मिला और एकाग्र होता है। Introvert व्यक्ति ज्यादातर समय एकांत में बिताने का इच्छुक होता है।

Introvert को हिन्दी में अंतर्मुखी कहा जाता है। अंतर्मुखी व्यक्ति सामाजिक नहीं होता है। यह व्यक्ति शांत स्वभाव वाला होता है।

Introvert या अंतर्मुखी शब्द का उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो अंदरूनी खुशी (Internal Happiness) को ज्यादा मान्यता देता है। अर्थात इसे खुश रहने के लिए सामाजिक परिस्थितियों के प्रति अधिक गंभीर नहीं होता है। यह आंतरिक विचारों, भावनाओं और मनोदशाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं।

अंतर्मुखी ( Introvert ) व्यक्ति किसी अनजान व्यक्ति से बहुत कम बोलता है। लेकिन जब कोई उसके जैसा अंतर्मुखी व्यवहार वाला व्यक्ति मिलता है तो वह उससे खुलकर बातचीत करता है।

यह देखा गया है कि इंट्रोवर्ट लोग एक दूसरे से काफी खुलकर बातचीत करते हैं।

Introvert लोग कैसे होते हैं?

Introvert वे लोग होते हैं जो सुर्खियों में रहना पसंद नहीं करते हैं। अंतर्मुखी ( Introvert ) वह व्यक्ति होता है जो अकेले रहना पसंद करता है और अपने काम पर कड़ी मेहनत करता है।

जहां कुछ लोग शर्मीले होते हैं, वहीं अन्य लोग दूसरों के साथ अधिक मिलनसार, बातूनी और खुले विचारों वाले होते हैं। अंतर्मुखी लोग शांत जगहों को ज्यादा पसंद करते हैं जहां वे अन्य लोगों द्वारा परेशान किए बिना अपनी गति से काम कर सकते हैं।

अंतर्मुखी होना कोई बुरी बात नहीं है। यह केवल एक शब्द है जिसका उपयोग हम उन लोगों का वर्णन करने के लिए करते हैं जो अकेले रहना पसंद करते हैं। या जो अकेले काम करना तथा व्यावहारिक जीवन जीना पसंद करते हैं।

अंतर्मुखी लोगों को अपने जीवन के अधिकांश भाग के लिए लोगों के साथ रिश्ते में रहने की आवश्यकता होती है। उन्हें अजनबियों के साथ मेलजोल करना मुश्किल लगता है। पार्टियों और समारोहों में उनकी बहुत कम दिलचस्पी हो सकती है।

Introvert लोग क्या सोचते हैं?

अंतर्मुखी ( Introvert ) लोगों को लगता है कि उनका आत्म-मूल्य पर्याप्त नहीं है और वे अपने जीवन से संतुष्ट नहीं हैं।

अंतर्मुखी (Introvert) वे लोग होते हैं जो बाकी लोगों की तुलना में शांत होते हैं। वे उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करना पसंद करते हैं जो उन्हें दिलचस्प और सार्थक लगती हैं। वे भीड़ में रहना पसंद नहीं करते हैं और इसलिए वे थोड़े से शर्मीले हो सकते हैं।

अंतर्मुखी वे लोग होते हैं जो अकेले रहना पसंद करते हैं। वे अपने समय का उपयोग रिचार्ज करने, आराम करने और पढ़ने के लिए करते हैं। उन्हें लोगों के समूह में खुद को व्यक्त करना मुश्किल लगता है और वे अन्य लोगों के साथ बातचीत करना नहीं पसंद करते हैं।

Introvert यह अपने कामों के लिए दूसरों के तारीफ पर निर्भर नहीं करते हैं। वे आत्मनिरीक्षण करने वाले हो सकते हैं। इन्हें जो सही लगता है वही करते हैं। अक्सर देखा गया है कि इंट्रोवर्ट लोग सही और गलत में फर्क समझने में सफल व्यक्ति माने जाते हैं।

अंतर्मुखी लोग एकांत में समय बिताना पसंद करते हैं और जब वे सार्वजनिक रूप से बात करते हैं तो वे असहज महसूस कर सकते हैं।

Introvert कैसे रहना पसंद करते हैं?

Introvert अक्सर अपना ज्यादातर समय एकांत जगह पर अकेले बिताते हैं। अंतर्मुखी ( Introvert ) को “शांत” कहा जाता है क्योंकि वे ऐसा जीवन चुनते हैं जहां वे अपने विचारों पर ध्यान केंद्रित कर सकें और अन्य लोगों की गतिविधियों से विचलित न हों।

उनमें शर्मीलेपन की प्रवृत्ति भी हो सकती है और वे ज्यादा बहस नहीं करते हैं। खासकर जब वे घबराए हुए या चिंतित हों।

अंतर्मुखी अक्सर अपने आप में आत्मविश्वास की कमी के कारण आत्मसम्मान की परवाह नहीं करते हैं परन्तु जब किसी चीज की हद पार हो जाती है तो यह बहुत ही आक्रामक हो जाते हैं। ये किसी चीज की प्लानिंग में बहुत ही निपुण होते हैं।

यदि आप अंतर्मुखी हैं, तो हो सकता है कि आप सामाजिक परिस्थितियों में सहज न हों। शायद, आप थोड़े शर्मीले हैं और अपने विचारों के साथ अकेले रहना पसंद करते हैं।

अंतर्मुखी लोगों में अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखने और अपनी भावनाओं को खुलकर नहीं दिखाने की प्रवृत्ति होती है।

अंतर्मुखी होना कोई बुरी बात नहीं है। अंतर्मुखी बहुत रचनात्मक और उत्पादक लोग होते हैं। हालाँकि, इसके कारण उन्हें मित्र बनाने और अन्य लोगों के साथ तालमेल बिठाने में परेशानी हो सकती है।

Introvert ( अंतर्मुखी ) को अक्सर शर्मीला या शांत बताया जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनके पास कोई सामाजिक कौशल नहीं है।

Introvert कितने प्रकार होते हैं

हर व्यक्ति किसी न किसी तरह से Introvert होता है। चलिए देखते हैं कि आप किस तरह के Introvert है?

आप में से कुछ लोग सोचते हैं कि Introvert सिर्फ घर पर अकेले रहना पसंद करते हैं। वे सामाजिक नहीं होते हैं। लेकिन नहीं Introvert के बहुत प्रकार होते हैं।

इनमें से कुछ नीचे बताया गया है:

सामाजिक अंतर्मुखी (Social Introvert):

इस प्रकार के अंतर्मुखी (Introvert) छोटे समूह में रहना पसंद करते हैं। ये बड़े लोगों की ग्रुप के साथ नहीं रहते हैं। यह शांत माहौल में रहना पसंद करते हैं। इन्हें शोर गुल में रहना पसंद नहीं होता है।

अंतर्मुखी सोच ( Thinking Introvert):

इस वर्ग वाले Introvert अपना अधिकतर समय सोचने विचारने में लगाते हैं। इस तरह के अधिकतर लोग शोधकर्ता तथा रचनात्मक होते हैं।

चिंतीत अंतर्मुखी ( Anxious Introvert ):

चिंतीत अंतर्मुखी ( Anxious Introvert ) अक्सर लोगों से बातचीत करने में घबराते हैं। जब कुछ साधारण लोग इनसे बात चीत करने आते हैं तो ये घबराने लगते हैं। इनको पता होता है कि वे लोग इनके साथ कुछ ग़लत व्यवहार नहीं करेंगे।

संकोची अंतर्मुखी (Inhibited Introvert):

जैसे की नाम से पता चलता है कि संकोची Introvert हर काम को करने में संकोच करते रहते हैं।

ये किसी भी काम को करने से पहले बहुत सोच विचार करते हैं। उसके बाद अपना अंतिम निर्णय लेते हैं।

ऐसा नहीं है कि सभी अंतर्मुखी (Introvert) सामाजिक नहीं होते हैं। बहुत लोगों को देखा गया है कि वे ज्यादा बात चीत नहीं करते हैं। परन्तु सामाज के साथ ही रहना पसंद करते हैं।

Introvert (अंतर्मुखी) और शर्मीलापन में क्या अंतर होता है?

कुछ लोगों का मानना है कि हर शर्मिला व्यक्ति इंट्रोवर्ट ही होता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि हर शर्मिला व्यक्ति Introvert ही होता है।

शर्मीलापन लोगों या फिर सामाजिक परिस्थितियों पर निर्भर करता है। वहीं दूसरी ओर, Introvert लोग अन्य लोगों के साथ बातचीत करने में ज्यादा समय नहीं बिताना पसंद करते हैं।

अंतर्मुखी उन लोगों को संदर्भित करता है जो मुख्य रूप से अपने स्वयं के विचारों और भावनाओं में रुचि रखते हैं, जबकि शर्मीलापन उन लोगों को संदर्भित करता हैं जो मुख्य रूप से दूसरों की राय में रुचि रखते हैं।

Introvert और अवसाद (Depression) में क्या विभिन्नताएं होती हैं?

यदि आप सामाजिक स्थितियों या गतिविधियों के कारण उदास, चिंतित, अकेलापन इत्यादि महसूस कर रहें हैं तो यह अवसाद ( Depression ) के संकेत हो सकत हैं। चाहे आपका व्यक्तित्व कैसा भी हो।

अंतर्मुखी और अवसाद दो अलग-अलग चीजें हैं। पहला है व्यक्ति का व्यक्तित्व, दूसरा है उनकी मनःस्थिति।

इस लेख में हम चर्चा करते हैं कि अंतर्मुखी और अवसाद क्या हैं?

अंतर्मुखी व्यक्तित्व का प्रकार है जो अंतर्मुखता की विशेषता है। अंतर्मुखी वह होता है जो अकेले कम समय और लोगों के साथ अधिक समय बिताना पसंद करता है।

Frontiers के मुताबिक ज्यादा Introvert अवसाद या Dipression का कारण बन सकता है। अगर आप अकेलापन, उदास तथा चिंतित हैं तो डाक्टर या फिर घर वाले को इसके बारे में जानकारी दें।

अंतर्मुखी (Introvert) के बारे में क्या भ्रांतियां हैं?

समाज में Introvert लोगों के बारे में एक आम भ्रांति यह है कि वे शर्मीले होते हैं। कुछ अंतर्मुखी (Introvert) शर्मीले हो सकते हैं, लेकिन सभी अंतर्मुखी ( Introvert ) लोगों के लिए ऐसा नहीं है।

इस तरह के अन्य मिथक प्रदर्शित किया गया है:

अंतर्मुखी ( Introvert) दोस्ताना व्यवहार वाले नहीं होते हैं।

अंतर्मुखी (Introvert) होने से यह प्रभावित नहीं होता कि आप कितने मिलनसार हैं। कुछ लोग सोच सकते हैं कि अंतर्मुखी लोग मित्रताहीन होते हैं क्योंकि उनके पास ज्यादा दोस्त नहीं होते हैं। वे सभाओं में बातचीत में शामिल होने के बजाय चुपचाप सोच में पड़े रहते हैं।

Introvert लीडर (Leader) नहीं हो सकते।

यद्यपि लोग एक बहिर्मुखी (Extrovert) व्यक्तित्व के बारे में सोचते हैं जब वे एक नेता की कल्पना करते हैं। बल्कि अंतर्मुखी लोगों के पास मालिक और लीडर होने का कौशल भी होता है।

उनके कुछ गुण उन्हें प्रभावी नेता बनाते हैं: वे अपने कर्मचारियों के विचारों को सुनते हैं, वे दीर्घकालिक लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

अंतर्मुखी को समझना कठिन होता है।

Introvert छोटी-छोटी बातों पर ध्यान नहीं देते हैं।

ये केवल कुछ मुट्ठी भर लोगों के साथ ही गहरी दोस्ती करना पसंद करते हैं। लेकिन जिन लोगों के वे करीबी हैं वे उन्हें बहुत अच्छी तरह से जानते हैं और उनके साथ वास्तविक मित्रता विकसित करते हैं।

निष्कर्ष ( Conclusion )

अगर किसी व्यक्ति में अंतर्मुखी (Introvert) तथा बहिर्मुखी (Extrovert) दोनों के गुण पाए जाते हैं, तो उन्हें उभयवर्ती (Ambivert) कहा जाता है।

एक प्रसिद्ध स्टडी के मुताबिक दुनिया में लगभग 70 % लोग उभयवर्ती (Ambivert) होते हैं।

एंबीवर्ट्स दूसरों के साथ समय बिताने और अकेले समय बिताने दोनों का आनंद लेते हैं।

ये समय की स्थिति और उनकी जरूरतों के आधार पर अपने आप को उस परिस्थिति में आसानी से ढाल लेते हैं।

ऐसा कहा जाता है कि अधिकांश भारतीय लोग उभयवर्ती (Ambivert) होते हैं।

क्योंकि भारत में अलग-अलग परंपरा को मानने वाले लोग रहते हैं।

जब भी कोई व्यक्ति अपनी समाज तथा घर को छोड़कर किसी अन्य समाज तथा राज्य में जाता है। तो वह व्यक्ति काफी कम समय में अपने आप को उस परिस्थिति के अनुसार ढाल लेता है।

यह तय करते समय कि आप अंतर्मुखी, बहिर्मुखी या उभयलिंगी हैं, याद रखें कि एक प्रकार दूसरे से बेहतर नहीं है।

स्थिति के आधार पर प्रत्येक प्रवृत्ति के लाभ और कमियां हो सकती हैं। हालाँकि, अपने व्यक्तित्व को बेहतर ढंग से समझकर, आप सीख सकते हैं कि अपनी ताकत के अनुसार कैसे समाज में अपना योगदान दे सकते हैं।

अगर आपको इस पोस्ट से संबंधित किसी भी प्रकार का सवाल आता है तो आप कमेंट में अवश्य पूछें। आपके सवालों का जवाब जरूर दिया जाएगा।

भारत के किस जंगल में आज भी आदिवासी रहते हैं?|आदिवासीयों की जनसंख्या कितनी है?

क्या आपको पता है आज के इस आधुनिक जमाने में भी भारत के कुछ इलाकों में आदिवासी रहते हैं। जहां पर आम नागरिकों को जाना बिल्कुल मना किया गया है।

क्योंकि ये आदिवासी लोग अनजान व्यक्ति को देखकर उसे अपने लिए खतरा महसूस करते हैं। इसलिए उन्हें मार देते हैं।

फल स्वरूप भारतीय सरकार द्वारा वहां पर जाना गैर कानूनी करार कर दिया गया है।

हेलो दोस्तों, आज हम आदिवासी के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। भारत के किस इलाके में आज भी आदिवासी लोग रहते हैं।

आदिवासी किसे कहते हैं?

अगर कोई भी समुदाय अपना इतिहास, संस्कृति या भाषा की उत्पत्ति नहीं जानता है। उन्हें “आदिवासी” कहते हैं।

भारत में बहुत ही आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं। लेकिन वे लोग अब धीरे-धीरे आधुनिकता की ओर बढ़ रहे हैं।

जबकि भारत के अंडमान निकोबार द्वीप के क्षेत्र में एक सेंटिनल आईलैंड है। वहां पर ऐसे आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं जो अभी तक आधुनिक मनुष्य के संपर्क में नहीं आए हैं।

आज हम इनके बारे में विस्तार से जानने का प्रयास करेंगे।

भारत में आदिवासी कहां रहते हैं?

North Sentinel island

भारत का एक ऐसा आदिवासी समुदाय जो अभी तक आधुनिक दुनिया से बिल्कुल अलग है। यह भारत के अंडमान द्वीप के नार्थ सेंटिनल आइलैंड पर रहते हैं।

मुख्य भारत से बिल्कुल पूरब दिशा में समुद्रों के बीचो बीच अंडमान निकोबार का सेंटिनल आईलैंड है। जहां पर आज भी आदिवासी रहते हैं।

यह लोग बिलकुल पहले की आदिवासियों की तरह रहते हैं। यह जानवरों का शिकार करके अपना जीवन यापन करते हैं।

जब कोई इस टापू पर जाता है यह लोग उसे अपना दुश्मन समझ कर मार देते हैं। इसलिए भारत सरकार ने वहां पर लोगों को जाने से प्रतिबंध लगा दिया।

क्या सेंटिनल आईलैंड पर कोई जाने का प्रयास किया?

जी हां, सेंटिनल आईलैंड जहां पर आज भी आदिवासी रहते हैं। वहां पर कई बार जाने का प्रयास किया गया। हर बार किसी ना किसी वजह से वहां जाना नाकामी साबित हुआ।

एक बहुत ही प्रसिद्ध लेखक मार्कोपोलो अंडमानी लोगों के बारे में कहते हैं कि वह बहुत ही खतरनाक होते हैं। उनकी बातें बहुत ही पिछड़ होती है। उनकी आंखें लाल होती है। और यह जब भी अनजान आदमी को देखते हैं तो उन्हें मारने की कोशिश करते हैं। या तो पता नहीं चला कि वह किस आधार पर यह सब बातें लिख रहे हैं।

अंडमान निकोबार सेंटिनल आईलैंड पर जाने का पहला प्रयास

1980 में ब्रिटिश नेवी ऑफिसर मॉरिस पोर्टमैन कुछ सैन्य टुकड़ियों के साथ सेंटिनल आईलैंड पर पहुंचे। वहां से जबरजस्ती एक आदमी एक औरत और चार बच्चों को जबरदस्ती पकड़ कर लेकर आए।

लेकिन यह लोग बहुत डरे हुए थे। यह अच्छे से खाना नहीं खा पाते थे। इनकी तबीयत खराब होने लगी तब इन्हें कुछ समय बाद उसी सेंटिनल आईलैंड पर छोड़ दिया गया। जिसके कारण अब वे लोग बहुत ही चौकाने हो गए थे।

अंडमान निकोबार सेंटिनल आईलैंड पर जाने का दुसरा प्रयास

1896 में एक कैदी काला पानी जेल से भाग कर अनजाने में सेंटिनल आईलैंड पर पहुंच गया। छानबीन करने के बाद पता चला कि उसे आदिवासियों द्वारा मार दिया गया है।

उसे मारकर किनारे पर बांधकर टांग दिया गया था। जैसे की एक चेतावनी हो।

अंडमान निकोबार सेंटिनल आईलैंड पर जाने का तीसरा प्रयास

फिर लगभग 70 साल बाद 1967 में सरकारी खोजकर्ता आलोक नाथ पंडित उस द्वीप पर गए। इनकी मुलाकात आदिवासियों से हुई। वे लोग शायद बाढ़ से बचने के लिए कहीं ऊंची जगहों पर चले गए थे।

लेकिन वहां पर खरपतवार से बनी झोपड़ियां दिखाई दीं। कुछ तीर कमान भी दिखाई दिए। तीज के नुकीली सिरे पर धातु लगा हुआ था। इसके साथ साथ कुछ धातु के बर्तन भी दिखाई दिए। इससे पता चलता है कि वे लोग कुछ धातुओं की खोज कर चुके थे।

अंडमान निकोबार सेंटिनल आईलैंड पर जाने का चौथा प्रयास

1970 में एक बड़े से पत्थर पर यह लिख दिया गया कि यह टापू सिर्फ भारत से संबंधित है। जिससे कोई अन्य देश इसपर कब्जा ना करें।

कुछ दिनों बाद वहां पर खाना, सूअर, बर्तन, नारियल कुछ खिलौने इत्यादि ले जाया गया।

शुरुआती समय में आदिवासी डर गए थे। लेकिन धीरे-धीरे साहस जुटाकर वे इन सामानों की तरफ गए। यह लोग सूअर तथा पुतले को जमीन में गाड़ दिए।

बाकी के उपयोगी चीजों को अपने साथ ले गए। जिससे पता चलता है कि वे बासी मांस खाने के इच्छुक नहीं थे। और आदमियों को भी नहीं खाते थे।

अंडमान निकोबार सेंटिनल आईलैंड पर जाने का पांचवां प्रयास

मधुमला चट्टोपाध्याय और इनके कुछ सहयोगियों ने 1991 में आदिवासियों से मिली। उन्हें खाने के लिए कुछ केले ले गई। जिससे वे बहुत खुश हुए।

मधुमला चट्टोपाध्याय

लेकिन उसी दौरान अमेरिकी ईसाई धर्म के प्रचारक जॉन चाऊ वहां पर गए। यह लोग बिना भारत सरकार से बताएं, गैर कानूनी ढंग से सेंटिनल आईलैंड पर गए।

यह लोग आदिवासियों को कुछ गिफ्ट दिए। और गाना गाकर सुनाने लगे। इसे देखकर आदिवासी इंक्वारी जोर-जोर से हंसते थे। और इन का मजाक उड़ाते थे।

फिर जब भारत सरकार को उनके जाने की खबर मिली तब पता लगाने के लिए सेना का हेलीकॉप्टर भेजा।

इससे यह पता चला कि आदिवासी उन्हें भी मार कर समुद्र के किनारे लटका दिए थे।

उनके बॉडी को लेने का प्रयास किया गया। फिर कुछ लोगों ने सोचा कि इन्हें क्यों परेशान किया जाए। ऐसे ही छोड़ देते हैं।

उसके बाद से भारत सरकार उस टापू पर जाने से प्रतिबंध लगा दिया है। क्योंकि अगर वे लोग आम नागरिकों के संपर्क में आएंगे उन्हें अलग-अलग बीमारियां होंगी।इन बीमारियों के लिए उनके पास दवा नहीं होगा।

जिससे उनकी जनजातियां खतरे में पड़ सकती है। इसलिए अब सेंटिनल आईलैंड पर कोई भी व्यक्ति बिना भारत सरकार के अनुमति से नहीं जाता है।

नार्थ सेंटिनल आईलैंड पर जाने से हमें क्या जानकारी प्राप्त हुई?

काफी प्रयासों के बाद नार्थ सेंटिनल आइलैंड के बारे में बहुत सी अज्ञान जानकारियों के बारे में पता चला है जैसे कि

  1. सेंटिनल आइलैंड के आदिवासी मनुष्य को मारकर नहीं खाते हैं। सिर्फ खतरा महसूस होने पर ही उन्हें मारते हैं।
  2. सेंटिनल आइलैंड के आदिवासी गुफाओं में नहीं रहते हैं। वे लोग खरपतवार से झोपड़िया बनाना सीख चुके हैं।
  3. उनकी औसत ऊंचाई 5.6 फूट हो सकता है।
  4. वे लोग अभी तक खेती करना नहीं सीखे हैं। खाने के लिए शिकार करते हैं।
  5. उनकी भाषाएं भारत के सभी भाषाओं से भिन्न है।
  6. वे लोग नाव चलाना भी जानते हैं। लेकिन नाव चला कर टापू से ज्यादा दूरी तक नहीं जाते है।

भारत के आदिवासी लोगों के बारे में विस्तृत जानकारी क्या है?

हम दुनिया के सातवें सबसे बड़े देश हैं। वैश्विक मानचित्र पर हमारी मजबूत उपस्थिति है। यह हमेशा हमारे इतिहास का हिस्सा रहा है और यही हमें विविधता से भरा देश बनाता है।

tribal-society

हमारे पास भारत के हर कोने में और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार भी आदिवासी लोग रहते हैं।

उनमें से कोई भी अपना इतिहास, संस्कृति या भाषा नहीं जानता है। इसलिए उन्हें कुछ पुरातत्वविदों द्वारा स्वदेशी जनजातियों के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, जबकि अन्य उन्हें “आदिवासी” कहते हैं।

अधिकांश आनुवंशिकीविद् सभी बसे हुए मानव आबादी को एक ऐसे व्यक्ति के वंशज मानते हैं जो 50,000 से अधिक वर्ष पहले अफ्रीका से बाहर चले गए थे।

जो बताता है कि हम दुनिया भर के समुदायों या क्षेत्रों के बीच कुछ आनुवंशिक अंतर क्यों देखते हैं; अंतर जो अफ्रीका से एशिया, यूरोप और अमेरिका के उन प्राचीन प्रवासों से जुड़े हैं।

यह विशेष रूप से यह समझाने पर केंद्रित है कि जनजातियां अन्य भारतीय समुदायों से कैसे भिन्न हैं और इसलिए व्यक्तियों के रूप में उनके लिए क्या चुनौती है। यह शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच के मामले में आदिवासियों के सामने आने वाली चुनौतियों को सूचीबद्ध करता है।

कुछ विशिष्ट भातीय आदिवादी जनजातियां कैसी हैं ?

Bastar-janjatiyan

आदिवासी महाद्वीप में एक बड़ी और विशिष्ट आबादी है, जिनकी अपनी संस्कृति और भाषा है, हालांकि वे एक आम भाषा (मुख्य रूप से हिंदी) बोलते हैं। वे अधिकांश लोगों के साथ इतनी समानताएं साझा करते हैं कि उन्हें पूरी तरह से अलग करना असंभव है।

भारतीय अक्सर उन्हें उनके मूल के आधार पर “भारतमाता” या “द्रविड़” कहते हैं। जबकि उन्हें भारत जैसे कुछ देशों में आदिवासी के रूप में लेबल किया जाता है।

वे वास्तव में महा भारत नामक एक अन्य जनजाति से संबंधित हैं। ये जनजातियाँ भारतीय उपमहाद्वीप के लगभग सभी हिस्सों को कवर करती हैं – पश्चिम से पूर्व तक और उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम तक।

1947 में विभाजन के बाद उत्तर भारत से सबसे बड़ा प्रवासन हुआ है, जब उन जनजातियों में से अधिकांश पश्चिम पाकिस्तान और बांग्लादेश में चले गए, जिससे अराकनी लोग बने।

भारत में अनेक प्रकार की जनजातियाँ पाई जाती हैं। हालांकि, उनमें से अधिकांश अभी भी प्रमुख शहरी केंद्रों से दूर दूरदराज के इलाकों में रहते हैं। वे पूरे देश में बिखरे हुए हैं और उनकी कोई उपस्थिति नहीं है।

इन भारतीयों को आदिवासी कहा जाता है क्योंकि वे मूल रूप से भारत नहीं आए थे।

लेकिन अंग्रेजों द्वारा ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया था, जो उन्हें अनुबंधित दासता प्रणाली के तहत मजदूरों और कॉफी बागान श्रमिकों के रूप में इस्तेमाल करते थे। अंग्रेजों ने इन भारतीयों को श्रम के सस्ते स्रोत के रूप में तब तक इस्तेमाल किया जब तक कि उन्हें अंततः दुनिया के अन्य हिस्सों में “विस्थापित” नहीं किया गया।

इस विस्थापन प्रक्रिया के परिणामस्वरूप देश भर में दूरदराज के इलाकों (जैसे मराठियों) में रहने वाली इन जनजातियों के बीच भाषा या संस्कृति में और बदलाव हुए हैं।

आधुनिक आदिवासी जनजाति के लोग किस क्षेत्र में पाए जाते हैं।

tribal-society-in-india

आदिवासी जैसे कई भारतीय आदिवासी समूह किसी विशेष जातीय समूह या भाषा के साथ अपनी पहचान नहीं रखते हैं, लेकिन बोलते और करते हैं।

हाल के वर्षों में, भारत में आदिवासी लोगों और समुदायों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। वे मुख्य रूप से भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में पाए जाते हैं और उन्हें अक्सर उपेक्षित किया जाता है क्योंकि उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देखा जाता है।

भारतीय आदिवासियों को लंबे समय से एक ही समुदाय के अंतर्गत रखा गया है, जिसे ‘ब्राह्मण’ के नाम से जाना जाता है।

हालांकि, मणिपाल विश्वविद्यालय, ऑरोविले में स्थित एक गैर सरकारी संगठन, नेशनल ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनटीआरआई) द्वारा जारी एक वैज्ञानिक अध्ययन के बाद से, शोधकर्ताओं ने नोट किया है कि भारत के आदिवासी सभी ब्राह्मण नहीं हैं।

उनमें से कुछ किसी भी समुदाय से संबंधित नहीं हैं। वास्तव में, यह अनुमान लगाया गया है कि जापान या चीन की आबादी की तरह पूरे भारत में लगभग 10 करोड़ आदिवासी रह सकते हैं।

निष्कर्ष ( Conclusion )

ऐसे देखा जाए तो दुनिया काफी आगे निकल चुकी है। आज के समय लोग किसी एक स्थान पर रह कर दूर किसी दूसरे स्थान से बातचीत कर सकते हैं।

लेकिन आज भी आदिवासी लोग रहते हैं। जो पहले की जैसा है। जानवरों का शिकार करके अपना जीवन यापन करते थे। घास फूस से बने कपड़े पहनते हैं। और तीर धनुष से अपना शिकार करते हैं।

इससे पता चलता है कि दुनिया में आज भी कितने विषमताएं हैं।

अगर आपको इस पोस्ट से संबंधित किसी भी प्रकार का सवाल है तो आप कमेंट में अवश्य पूछें। आपको जरूर उत्तर दिया जाएगा।